दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कोराना के एक जगह मिले 200 संदिग्ध, दो की मौत
निजामुद्दीन इलाके में बड़ी संख्या में संदिग्ध रूप से कोरोना से पीड़ित लोगों के मिलने के बाद इलाके को सील कर दिया गया है।
इस्लामिक प्रचार-प्रसार सेंटर की इसी इमारत में रुके थे लोग। |
संदिग्धों का पता लगाने के लिए इलाके की ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं। दिल्ली सरकार ने मरकज निजामुद्दीन के मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया की पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। राजधानी में यह पहला ऐसा मामला है जब एक ही स्थल से इतनी अधिक संख्या में संदिग्ध रूप से कोरोना प्रभावित लोग मिले हैं। जांच में पता चला है निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात के मरकज (इस्लामिक प्रचार-प्रसार सेंटर) में बड़ी संख्या में लोग आए हुए थे। यहां से करीब 200 लोगों को जांच के लिए विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है।
पता चला है कि मरकज में विदेश से भी लोग आए हुए थे। तबलीगी मरकज के प्रवक्ता डा. मोहम्मद शोएब अली ने बताया कि मरकज में पहुंचे दो लोगों की मौत हो गई। लेकिन इनमें से कोई कोरोना से पीड़ित नहीं था। तमिलनाडु निवासी गसगीर की मौत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई, जबकि कश्मीर निवासी दूसरे शख्स की मौत कश्मीर के एक अस्पताल में हुई। मरकज में चीन से भी कुछ जमाती (धार्मिंक लोगों की टोली) आए थे।
आशंका है कि चीन के आए जमात के लोगों से ही संक्रमण फैला। पुलिस सूत्रों का कहना है कि देश में लाकडाउन के बाद भी मरकज में सूडान, चीन, यमन, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और इंग्लैंड के 200 से अधिक जमात के लोग मौजूद थे। यहां विदेशी लोगों के अलावा भारत के भी करीब तीन हजार लोग उपस्थित थे। लगभग दो हजार अन्य लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है।
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