दिल्ली हिंसा: उत्तर-पूर्वी इलाकों में शांति लेकिन दहशत का माहौल, अब तक 34 की मौत

Last Updated 27 Feb 2020 09:35:21 AM IST

उत्तरपूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं दर्ज की गई। गुरूवार को मरने वाले लोगों की संख्या 34 पर पहुंच गई।


दिल्ली में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया (फाइल फोटो)

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर हुई साम्प्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढकर 34 हो गई है। यह संख्या बुधवार तक 27 थी, जिसमें से 25 लोगों की मौत दिलशाद गार्डन स्थिति जीटीबी अस्पाल में हुई थी।      

दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘जीटीबी अस्पताल में पांच और एलएनजेपी में एक और व्यक्ति की मौत हो गई। जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भी गुरुवार को एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया, जिससे कुल मृतक संख्या 34 तक पहुंच गई।’’     

लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में बुधवार को एक व्यक्ति की मौत इलाज के दौरान हो गई थी और एक को वहां लाते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। अस्पताल में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि एलएनजेपी में हिंसा के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से 50 से अधिक लोगों को लाया गया था।     

उत्तर पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।   

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने एक दिन पहले इन इलाकों का दौरा किया और लोगों को भी आश्वस्त किया कि सुरक्षा बल उनके साथ खड़े हैं।     

रविवार से हो रही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च किए और भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी उत्तर पूर्वी जिले में तैनात हो गए।     

दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि दिल्ली दमकल सेवा को दंगाग्रस्त इलाकों से गुरूवार को आधी रात से सुबह आठ बजे तक 19 फोन मिले। उन्होंने बताया कि इलाके में 100 से अधिक दमकलकर्मी तैनात हैं और इलाके के सभी चार दमकल केंद्रों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए दमकल की अतिरिक्त गाड़ियां दी गई और वरिष्ठ अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी हिंसा प्रभावित इलाकों में डेरा डाले हुए हैं।

सुधरने लगा है नार्थ ईस्ट दिल्ली का माहौल, गलियों और नुक्कड़ पर खुलने लगी दुकानें

सुरक्षा बलों ने गुरुवार तड़के हिंसा प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया। ये फ्लैग मार्च दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त एसएन श्रीवास्तव द्वारा बुधवार-गुरुवार मध्यरात्रि में उत्तरपूर्व जिला में स्थिति का जायजा लेने के कुछ घंटों बाद किया गया।

सुरक्षा बलों ने उत्तरपूर्व जिला में सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित क्षेत्रों जाफराबाद, मौजपुर और भजनपुरा में फ्लैगमार्च किया।

धीरे-धीरे दिल्ली अपने पुराने मिजाज पर वापस लौटने के लिए जद्दोजहद करती दिख रही है। दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में हिंसा के 4 दिनों के बाद हिंसाग्रत रहे इलाके अब रोजमर्रा के कामों में मशगूल दिखने लगे हैं। ऐसे ही उत्तर पूर्व दिल्ली का इलाका गोकुलपुरी है, जहां सोमवार की रात को जबरदस्त हिंसा हुई थी। इस क्षेत्र का गंगा विहार मुहल्ला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। हिंसा के दौरान कई मकानों और दुकानों में आग लगा दी गई थी, लेकिन दो दिन बाद गुरुवार को इस इलाके में शांति है। पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान लगातार पेट्रोलिग कर रहे हैं।

पूछताछ के बाद पता चला कि इस इलाके में हिंसा मामूली सी बात पर शुरू हुई थी। सालों से एक साथ रहने के बावजूद यहां हिंसा की चिंगारी कैसे फैली, इस पर इस शख्स ने बताया, "सोमवार की शाम कुछ असामाजिक तत्वों ने बिना उकसावे के गंगा विहार वरिष्ठ नागरिक कल्याण केंद्र पर कुछ बोतलें फेंक दी। जिसके बाद आसपास के लोग उत्तेजित हो गए। उसके बाद जिसको जो समझ में आया उसने किया। बाद में इस इलाके में कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिए गया। नतीजा लगभग 100 परिवार को इस इलाके से जान बचाकर भागना पड़ा।"

लेकिन अब यहां शांति है किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं है। लोग पिछली बातों को भुलाना चाहते हैं। मंगलवार शाम से इलाके में अर्धसैनिक बल की एक कंपनी तैनात है।

इलाके में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं लेने की शर्त पर बताया, "यहां पिछले 35 सालों में ऐसी कोई घटना नहीं घटी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों के उकसावे के बाद यह घटना हो गई, लिहाजा अब यहां स्थिति कंट्रोल में है। सोमवार को घटना के बाद आज गुरुवार को गंगा विहार इलाके में दुकानें खुलने लगी है और रेहड़ी पटरी वाले अपना काम शुरू कर रहे हैं। लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं और खरीदारी करते देखे जा सकते हैं ।
 

 


 

 

 

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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