दिल्ली : नहीं थमी हिंसा, अब तक 13 मौतें, दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश, अब तक 186 जख्मी
उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हिंसा में मृतकों की संख्या पांच से बढ़कर 13 हो गई है।
![]() व्यापक हिंसा के बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में फ्लैग मार्च करते सुरक्षाबल के जवान। |
राजधानी लगातार तीसरे दिन भी हिंसा की आग में सुलगती रही। दिल्ली पुलिस को दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया गया है। चांदबाग, मौजपुर, करावल नगर व जाफराबाद इलाके में मंगलवार को कर्फ्यू लगा दिया गया। उत्तर-पूर्वी जिले में मंगलवार को भी हालात पुरी तरह से बेकाबू रहे। मंगलवार को हुई ताजा हिंसा में पांच और लोगों की मौत हो गई जबकि 60 पुलिसकर्मी समेत कुल 186 लोग जख्मी हुए। सभी घायलों को जीटीबी अस्पताल के अलावा दूसरे सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अस्पताल से मिली सूचना के अनुसार घायलों में आधे लोग गोली लगने से जख्मी हुए हैं, बाकी को ईट, पत्थर व डंडे से हमला कर जख्मी किया गया। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हिंसा को लेकर अब तक कुल ग्यारह एफआईआर दर्ज की गई हैं जबकि मौके पर शांति बहाल करने को लेकर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों पर ड्रोन से नजर रखने के अलावा शांति कायम करने के लिए अमन कमेटियों से लगातार बैठकें की जा रही हैं। पुलिस ने बताया कि उत्तर पूर्व जिले में धारा-144 लागू किए जाने के बाद भी सोमवार रातभर चली छुटपुट हिंसा के बाद मंगलवार दिन चढ़ते ही पूरे जिले में बवाल बढ़ गया।
दंगाइयों ने दूसरे समुदाय के मकानों व दुकानों को निशाना बनाकर लूटपाट व आगजनी की। सबसे खराब हालात मौजपुर, जाफराबाद और कर्दमपुरी में रहा। यहां उपद्रवी एक दूसरे पर आमने-सामने से फायरिंग करते रहे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि एक हजार से ज्यादा गोलियां दोनों ओर से चलाई गईं। पुलिस उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले दागती रही। जब बात नहीं बनी तो दोपहर बाद पैरामिलिट्री की करीब 35 कंपनियों को तैनात किया गया। देर शाम तक पुलिस हालात को सामान्य बनाने में लगी थी लेकिन बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी, बाबरपुर, मौजपुर, कर्दमपुरी, सुदामापुरी, घोंडा चौक, करावल नगर, मुस्तफाबाद, चांदबाग, नूरे इलाही, भजनपुरा, गोकुलपुरी के अलावा जाफराबाद व सीलमपुर में पूरी रात लोगों ने जागकर गुजारी। यहां पर सुबह होते ही उपद्रवी फिर सड़क पर आ गए और धार्मिंक नारेबाजी करते हुए एक दूसरे पर हमला बोला। कुछ लोगों ने मौजपुर चौक पर डीजे चलाकर धार्मिंक नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान दोनों ओर से भीड़ जुटने लगी। इसके बाद दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव करने के साथ ही गोलियां चलाना शुरू कर दिया। पुलिस कभी उपद्रवियों को खदेड़ती तो दूसरी ओर से दंगाई आकर पुलिस के सामने ही गोलियां चलाने लगते थे।
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