दिल्ली हिंसा के खिलाफ याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा हाईकोर्ट

Last Updated 25 Feb 2020 03:20:02 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हिंसा भड़काने के लिए स्वतंत्र न्यायिक जांच, मृतकों के लिए मुआवजे और राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई।


दिल्ली हाईकोर्ट

न्यायाधीश अनूप जयराम भंभानी और जी. एस. सिस्तानी की खंडपीठ ने दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में हिंसा भड़काने के लिए स्वतंत्र न्यायिक जांच, मृतकों के लिए मुआवजे और राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी की याचिका पर सुनवाई मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया है।

राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर-पूर्वी इलाकों में सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद से ही जाफराबाद, मौजपुर और गोकुलपुरी सहित कई इलाकों में तनाव बना हुआ है।

याचिकाकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने दावा किया कि केंद्र में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े संगठन के सदस्यों और दिल्ली पुलिस द्वारा 10 लोग मारे गए हैं।

मंदर ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है।

याचिका में दावा किया गया कि तीन प्रमुख राजनेताओं द्वारा भड़काऊ भाषण दिए गए, जिसके बाद हमलावरों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर क्रूरता से हमले किए।

उन्होंने अदालत से राष्ट्रीय राजधानी के बाहर के अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का अनुरोध किया है।

याचिका में प्रभावित क्षेत्रों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को तैनात करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।



इसके साथ ही एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कथित सांप्रदायिक हमलों की जांच कराने को भी कहा गया है।

कार्यकर्ता ने अदालत से हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देने का अनुरोध भी किया है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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