झाड़ू ने फिर किया सभी को साफ, 62 सीटें जीतकर आप ने लगाई हैट्रिक, भाजपा की झोली में 8 सीटें

Last Updated 12 Feb 2020 01:09:33 AM IST

दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल के राष्ट्रवाद पर मुहर लगा दी है। यहां के लोगों ने राष्ट्रवाद के झंडाबरदार भाजपा को नकार दिया है।


जीत के बाद आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल

आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 62 सीटें जीतकर हैट्रिक लगाई है। जबकि पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को महज 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

कांग्रेस एक बार फिर शून्य पर आउट हो गई। कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। शाहीन बाग को मुद्दा बनाना भाजपा के लिए भारी पड़ा। हालांकि भाजपा ने अपने वोट बैंक में करीब 6 फीसद का इजाफा करते हुए 38.5 फीसद वोट हासिल की है। पिछले चुनाव में भाजपा को 32.3 फीसद वोट मिले थे। इसी प्रकार पिछले चुनाव में आप को 54 फीसद वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव में आप को करीब 53.6 फीसद वोट मिले हैं। आप को इस चुनाव में 5 सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि भाजपा को 5 सीटों का फायदा मिला है। विधानसभा चुनाव में आप शिक्षा और स्वास्थ्य को चुनावी मुद्दा बनाकर आगे बढ़ रही थी, लेकिन भाजपा ने शाहीन बाग को मुद्दा बनाकर आप को उलझाने की कोशिश की। केजरीवाल बहुत चतुराई से शाहीन बाग के मुद्दे से बच निकले।

भाजपा ने राष्ट्रवाद का कार्ड खेला तो केजरीवाल ने अपने आपको असली और कट्टर राष्ट्रवादी घोषित कर दिया। केजरीवाल ने एक निजी चैनल पर हनुमान चालीसा पढ़ा और हनुमान मंदिर गए तो भाजपा ने तंज कसा। केजरीवाल ने इस मुद्दे को कवच बनाकर भाजपा को घेरा दिया। बहरहाल आप को मिली चुनावी सफलता के पीछे 200 यूनिट बिजली फ्री, 20 हजार लीटर मुफ्त पानी, महिलाओं के लिए डीटीसी बस यात्रा फ्री, बुजुगरे की तीर्थ यात्रा फ्री के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्य का बड़ा योगदान रहा है।

केजरीवाल अपनी पार्टी के अकेले स्टार प्रचारक थे। उन्होंने 15 जनसभा, 34 रोड शो और 13 टाउन हाल कार्यक्रम किए। जबकि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 62 रैली, गृहमंत्री अमित शाह ने 52 रैली, प्रधानमंत्री मोदी ने 2 जनसभा, योगी आदित्य नाथ ने 14 रैलियां  की। इसके अलावा भाजपा ने करीब 6 हजार से अधिक नुक्कड़ सभाएं की। इसके बावजूद केजरीवाल सब पर भारी पड़े।

गौरतलब है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से केजरीवाल 46 हजार 758 वोट पाकर विजयी हो गए। भाजपा के सुनील यादव को 25 हजार 061 वोट मिले। यानी केजरीवाल 21 हजार 697 वोट के अंतर से जीते। 2015 में केजरीवाल को 57 हजार 213 वोट मिले थे।

रविशंकर तिवारी/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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