केन्द्र ने बांटे दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र

Last Updated 03 Jan 2020 05:40:51 PM IST

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने दिल्ली में अगले महीने संभावित विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय राजधानी में 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा के तहत इन कालोनियों में रहने वालों को संपत्ति का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी।


आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संपत्ति के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र और इसके पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने वाले 20 लोगों को रजिस्ट्री के दस्तावेज़ सौंप कर इसकी शुरुआत की।

पुरी ने कहा, ‘‘मेरे लिये यह भावुक पल है क्योंकि दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों के निवासियों को संपत्ति का मालिकाना हक दिलाना मेरा वादा भी था और लक्ष्य भी था। आज यह लक्ष्य पूरा हुआ है।’’     

पुरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर की मौजूदगी में पहले 20 लाभार्थियों को संपत्ति के दस्तावेज़ सौंपे। संपत्ति का पहला पंजीकरण प्रमाणपत्र समयपुर बादली स्थित सूरज पार्क कालोनी की पिंकी शर्मा को दिया गया।    

पुरी ने बताया कि पहले 20 लाभार्थी सूरज पार्क और राजा विहार कॉलोनी के हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने 16 दिसंबर को संपत्ति के पंजीकरण के लिये आवेदन प्रक्रिया शुरु किये जाने के बाद आवेदन किया। आवेदकों के दस्तावेजों की जांच और शुल्क अदायगी की प्रक्रिया पूरी करने वालों को मालिकाना हक दिया है।     

मालिकाना हक पाने वाले 20 लोगों में 11 राजा विहार कालोनी के निवासी हैं और नौ सूरज पार्क कालोनी के हैं। ये दोनों अनधिकृत कालोनियां रोहिणी विधानसभा क्षेत्र में स्थित हैं।    इलाके के स्थानीय विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अब इन कालोनियों को अनधिकृत नहीं कहा जायेगा। इनमें रहने वालों को अब संपत्ति का पंजीकरण कराने की छूट मिलने के साथ ही संपत्ति की खरीद फरोख्त की जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस कदम से अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले 40 लाख से अधिक लोगों को न सिर्फ संपत्ति का मालकाना हक मिलेगा बल्कि इन कालोनियों में विकास कार्य हो सकेंगे जिससे पानी, सड़क और सीवर लाइन जैसी प्रमुख नागरिक सुविधायें मिलेंगी।     

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को पूरा होने से पहले चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर भाजपा ने केन्द्र सरकार के माध्यम से अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की पहल कर चुनावी तुरुप का पत्ता चला है। भाजपा इसे दिल्ली में सत्तारूढ आप सरकार के मुफ्त बिजली पानी के माकूल जवाब के रूप में देख रही है। अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का मुद्दा लगभग तीन दशक पुराना है।          

मालिकाना हक पाने वालों में शुमार सूरज पार्क कालोनी के निवासी करमचंद शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने मकान के पंजीकरण के लिये 18 दिसंबर को आवेदन किया था। उन्होंने बताया कि उनका चार मंजिला मकान 103 वर्ग मीटर के प्लाट पर निर्मित है।     

उन्होंने कहा कि इसके पंजीकरण के लिये उन्होंने ‘पीएम उदय’ योजना के तहत 89100 रुपये शुल्क के रूप में दिया। स्थानीय सर्किल रेट के हिसाब से अगर वह पंजीकरण कराते तो उन्हें लगभग 61 लाख रुपये देने पड़ते।     

पुरी ने बताया कि डीडीए ने आवेदकों की मदद के लिये 50 हेल्प सेंटर शुरु किये हैं। जिससे पीएम उदय योजना के तहत इन कालोनियों के बांिशदे रियायती दरों पर संपत्ति का पंजीकरण कर मालिकाना हक अर्जित कर सकें।     

उन्होंने बताया कि अब तक 57 हज़ार आवेदन आ चुके हैं। जैसे जैसे आवेदकों के दस्तावेज़ों की जाँच और शुल्क भुगतान की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वैसे वैसे मालिकाना हक और पंजीकरण प्रमाणपत्र लाभार्थियों को मिलते जाएंगे। पुरी ने कहा कि अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने के लिये अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरंिवद केजरीवाल के सुझाये रास्ते पर चलते तो दस साल और लग जाते।     

उन्होंने स्पष्ट किया कि डीडीए ने अनधिकृत कलोनियों के भू उपयोग में परिवर्तन किया है इसलिए मालिकाना हक का प्रमाणपत्र (कन्वेएंस डीड) डीडीए द्वारा दिया जा रहा है और पंजीकरण शुल्क दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को अदा किया जाएगा ।     

उन्होंने कहा कि शुल्क के एवज़ में मिलने वाली राशि से ‘विशेष विकास कोष’ बनाया गया है। इससे इन कालोनियों में विकास कार्य होंगे। पुरी ने कहा कि आवेदकों के दस्तावेजों की जांच का काम तेज गति से चल रहा है। आने वाले दिनों में पंजीकरण प्रमाणपत्र दिये जाने के काम में तेजी आयेगी।     

उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने संसद द्वारा अलग से पारित कानून के माध्यम से पीएम उदय योजना के तहत 1731 कालोनियाँ नियमित की हैं। इस दौरान डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर ने कहा कि डीडीए कालोनियों का नक्शा (ले आउट प्लान) भी बनाया जायेगा

 

भाषा
नयी दिल्ली


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