JNU छात्र फिर सड़क पर,एचआरडी मंत्रालय की सुरक्षा बढ़ाई गई

Last Updated 29 Nov 2019 04:38:18 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आंदोलनकारी छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर यहां केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


उन्होंने कहा, "हम पहले दिन से कह रहे हैं कि हम बातचीत चाहते हैं। हम हॉस्टल शुल्क वृद्धि को वापस लेने के अलावा कुलपति एम. जगदीश कुमार को हटाने की मांग करते हैं। जैसे ही हमारी मांगें मान ली जाएंगी, हम हड़ताल वापस ले लेंगे।"

उन्होंने कहा, "हमें बताया गया है कि हमारे प्रतिनिधिमंडल को एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने दिया जाएगा, इसलिए हम यहां इंतजार करेंगे।"

जेएनयू के छात्र जेएनयू में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा इस मुद्दे पर की गई सिफारिशों की सार्वजनिक घोषणा करने की मांग कर रहे हैं।

छात्रों ने हॉस्टल शुल्क वृद्धि को वापस लिए जाने की मांग को लेकर एचआरडी मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन की घोषणा की थी। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर यहां केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मंत्रालय के बाहर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।

डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद रोड पर स्थित मंत्रालय के प्रवेश द्वार और बाहर जाने के रास्ते पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। सुरक्षाबलों की तैनाती के अलावा दिल्ली पुलिस ने त्रिस्तरीय बैरिकेडिंग कर मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए वाटर कैनन की भी तैनाती की गई है।

इस सब से अलग युवक कांग्रेस ने संसद में दिए प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।

जेएनयू छात्र बसों से विरोध प्रदर्शन स्थल पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें परिसर से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी।

जेएनयू के एक छात्र ने मीडिया से कहा, "जेएनयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय परिसर के अंदर बस को आने से रोका। हम मंत्रालय तक जाने के लिए वैकल्पिक साधन तलाश रहे हैं।"

एचआरडी मंत्रालय ने इसके पहले यूजीसी के पूर्व प्रमुख वी.सी. चौहान की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसे प्रदर्शनकारी जेएनयू के छात्रों से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई थी। छात्रों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन प्रस्तावित हॉस्टल शुल्क वृद्धि को लेकर संवाद से भाग रहा है।

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन और एनआईसीटीई के सदस्य अनिल सहस्रबुद्धे भी इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य हैं।

जैन ने कहा, "छात्रों के साथ अब और बैठक नहीं होगी। हमने उनकी चिंताओं को समझ लिया है और अपनी सिफारिशें देते वक्त हम उन चिंताओं को ध्यान में रखेंगे।"

उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगा।

इस रिपोर्ट को सोमवार को जेएनयू प्रशासन को सौंपा जाना है, लेकिन इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

आईएएनएस
नयी दिल्ली


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