वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक सिर्फ 2 की घटना पर
दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट के वकील-पुलिस झड़प मामले में स्पष्ट किया कि उसकी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक का आदेश सिर्फ 2 नवम्बर को वकीलों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को लेकर है, उसके बाद की आपराधिक घटनाओं को लेकर नहीं।
![]() दिल्ली हाईकोर्ट |
उसने यह भी कहा कि उसकी पुलिस अधिकारी व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ आदेश में की गई टिप्पणी जांच में आड़े नहीं आएगी।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने आदेश पर स्पष्टीकरण और समीक्षा की मांग को लेकर केंद्र की अर्जियों का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि उसका 3 नवम्बर का आदेश अपने आप में स्पष्ट है, इसको और स्पष्ट करने की जरूरत नहीं है।
उसका रोक का आदेश वकीलों के खिलाफ 2 नवम्बर को सब्जी मंडी थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 268 व 269 से संबंधित है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 5 नवम्बर को अर्जी दाखिल कर कोर्ट से अपने 3 नवंबर के आदेश को स्पष्ट करने का आग्रह किया था।
वहीं दिल्ली पुलिस ने अर्जी दाखिल कर अपने अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के खिलाफ की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की थी। इसपर पीठ ने कहा कि पुलिसवालों के खिलाफ की गई उसकी टिप्पणी को, जांच के दौरान नजरंदाज किया जाए।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 3 नवम्बर को इस घटना की जांच के लिए हाईकोर्ट के अवकाशप्राप्त न्यायमूर्ति एसपी गर्ग की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी और छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था।
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