70 साल बाद INA को जगह मिली गणतंत्र दिवस परेड में

Last Updated 24 Jan 2019 05:39:54 AM IST

70वें गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार कुछ नया होगा। मोदी सरकार के कमेंटेटर मोदी सरकार की उपलब्धियां भी गिनायेंगे और उनकी कविता का पाठ भी करेंगे।


गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल का दृश्य।

अमरीका से खरीदे गए तोप हावित्जर और मेक इन इंडिया के तहत भारत में बनी के-9 बज्र तोप पहली बार दिखाई देंगी। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर झांकियों और स्कूली बच्चों के गीत-नृत्य में महात्मा गांधी की छाप दिखाई देगी। देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के चार सैनिकों को परेड में शामिल किया गया है। परेड में नारी शक्ति की झलक भी मिलेगी। डेयर डेविल के जांबांज टुकडी की कमान भी महिला के हाथ में होगी।

राजपथ पर आज फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया है। रिहर्सल में पात्र (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख) डमी थे, जबकि अभ्यास असली था। इस मौके पर दर्शक दीर्घाएं भरी थी। 90 मिनट के समारोह के दौरान अनेक ऐसे मौके आये जब दर्शक रोमांचित हो उठे। वायुसेना के फाइटर प्लेनों के कर्तब, सिगनल कोर के स्टंटमैनों ने रोंगटे खड़े करने वाले स्टंट दिखाए।

परेड पर पीएम मोदी की झलक : आज की रिहर्सल में परेड शुरू होने पहले सरकार की उपलब्धियां बताई गई, जिसमें जीएसटी, सड़क निर्माण, 66 मैडल जीतने जैसे अनेक बातें बताई गई। उदघोषक ने मोदी की लिखी कविता भी पढ़ी। मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान, सौभाग्य योजना पर भी झांकी पेश की गई है।

पहली बार आईएनए के सैनिक परेड में : आजाद हिन्द फौज (आईएनए) को आखिरकार आजादी के 70 साल बाद राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का गौरव मिला है और इसके चार पूर्व सैनिक परेड में सेना के रणबांकुरों के साथ दिखायी देंगे। सेना के मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टॉफ मेजर जनरल राजपाल पूनिया ने इन सैनिकों की उम्र 95 से 100 साल के बीच की है इसलिए इन्हें चुनने के लिए किसी मानदंड का औचित्य नहीं था। आईएनए के इन जीवित पूर्व सैनिकों से परेड में शामिल होने के लिए संपर्क किया गया था। इन पूर्व सैनिकों के नाम चंडीगढ़ के लालतीराम (98), गुरूग्राम के परमानंद (99), हीरा सिंह (97), और भागमल (95) हैं। 

एम-777 व के-9 पहली बार दिखेंगे : सेना के लिए अमेरिका से खरीदी गई एम-777 अल्ट्रा लाइट हावित्जर तोप और मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बनाई गई के-9 वज्र तोप पहली बार राजपथ पर सेना की ताकत की झलक पेश करेगी। के-9 वज्र तोप को लार्सन और टूब्रो ने बनाया है। डीआरडीओ द्वारा बनाई जाने वाली मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल तथा अजरुन बख्तरबंद रिकवरी वाहन भी पहली बार परेड की शान बढ़ायेंगे। एक अन्य आकषर्ण वायु सेना का मालवाहक विमान ए एन-32 होगा जो पहली बार जैव ईंधन से उड़ान भरेगा और राजपथ से गुजरेगा।

मार्शल धुन शंखनाद भी पहली बार : परेड में पहली बार सशस्त्र सेनाओं की मार्शल धुन शंखनाद की गूंज भी सुनाई देगी। बहादुर बच्चे हाथी की जगह खुली जीप में आयेंगे: परेड में इस बार लोगों को हाथी पर सवार बहादुर बच्चों की झलक नहीं दिखायी देगी। इसकी जगह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित 26 बच्चे जीप में सवार दिखायी देंगे। इन बच्चों को शैक्षणिक, खेल, बहादुरी और नवाचार जैसे छह क्षेत्रों से चुना गया है।

रोशन/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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