राजधानी में संस्कार आश्रम से नौ लड़कियां गायब, दो अफसर नपे
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम से शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि को नौ लड़कियों के लापता होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (file photo) |
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की ओर से मामला उठाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। डीसीडब्ल्यू ने मामले में उच्च स्तरीय जांच सुनिश्चित करने के लिए मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को स्थानांतरित करने की भी मांग की है। दिल्ली पुलिस ने मामले में रविवार को प्राथमिकी दर्ज की । आयोग का कहना है कि आश्रम में बच्चियों की सुरक्षा में चूक एक बहुत ही गंभीर मामला है और इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया जाना चाहिए। सदन रहे कि बाल कल्याण समिति के आदेश पर चार मई (2018) को द्वारका के एक शेल्टर होम से नौ लड़कियों को इस आश्रम में शिफ्ट किया गया था और यह सभी देह व्यापार की शिकार/पीड़ित लड़कियां थीं। आयोग ने मांग की है कि आश्रम के अधिकारियों की सांठ गांठ कोठा मालिकों के साथ होने की जांच होनी चाहिए। हो सकता है दोनों की मिली भगत से इन लड़कियों का अपहरण हुआ हो।
आयोग का कहना है कि इस आश्रम के बारे में इससे पहले भी बाल कल्याण समिति की पूर्व सदस्य ने संस्कार आश्रम फॉर गल्र्स दिलशाद गार्डन में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बारे में एक शिकायत आयोग के पास दर्ज करवाई थी। उन्होंने एक विशेष घटना के बारे में बताया था जिसमें एक विशेष जरूरतों वाली लड़की के प्रति आश्रय गृह के अधिकारियों के र्दुव्यवहार के बारे में बताया गया था। इसमें कहा गया कि बच्ची के साथ गलत बर्ताव होता था और आश्रय गृह के अधीक्षक द्वारा उसको मारा पीटा जाता था, यहां तक कि बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष और सदस्य को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने गृह के अधीक्षक के खिलाफ बच्ची को मारने के मामले में एक लिखित शिकायत की। आयोग ने इस मामले में जांच के लिए दिल्ली पुलिस को एफआईआर को अपराध शाखा को स्थानांतरित करने के लिए लिख रहा है, ताकि गुमशुदा लड़कियों को ढूंढने के लिए तुरंत कदम उठाया जाए।
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