केंद्र हमारे साथ कर रहा सौतेला व्यवहार : आप
आप ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ पार्टी विधायकों की कथित मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया है.
संवाददाता सम्मेलन में आप नेता संजय सिंह और आशुतोष. |
आप नेता संजय सिंह और आशुतोष ने बुधवार को केन्द्र सरकार पर आप के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने प्रकाश की मौखिक शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर पार्टी के दो विधायकों को गिरफ्तार भी कर लिया, जबकि आप सरकार के मंत्री और विधायकों की शिकायतों पर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया. इतना ही नहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक पक्ष की तत्काल बात सुनकर उपराज्यपाल से इस मामले की रिपोर्ट तलब कर ली, लेकिन आप नेताओं को मिलने का भी समय नहीं दे रहे हैं.
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की मेडिकल रिपोर्ट में चोट लगने की पुष्टि होने के सवाल पर आशुतोष ने कहा कि घटना के तीन दिन बाद प्रकाश ने मेडिकल जांच क्यों करायी, जबकि हमले का शिकार होने वाला व्यक्ति तत्काल पुलिस की शरण में जाता है. उन्होंने कहा कि इसके उलट दिल्ली सरकार के मंत्री और विधायक पर हमले के वीडियो फुटेज सामने आने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
मुख्यमंत्री द्वारा मध्यरात्रि में बैठक बुलाने के औचित्य के सवाल परंिसंह ने कहा कि बैठक का निर्धारित समय रात 10 बजे था, लेकिन अंशु प्रकाश दो घंटे देर से पहुंचे थे. यह बात वह छुपा रहे हैं. जहां तक रात में बैठक बुलाने का सवाल है तो इसकी वजह साफ है कि केजरीवाल सरकार झारखंड में राशन के अभाव में एक बच्ची की हुई मौत जैसी घटना दिल्ली में नहीं होने देना चाहती है.
आप नेताओं ने पार्टी के विधायकों की गिरफ्तारी को दलित और अल्पसंख्यक उत्पीड़न से जोडते हुए कहा कि पुलिस ने किसके इशारे पर एक दलित और अल्पसंख्यक विधायक को गिरफ्तार किया है? इसे दलित और अल्पसंख्यक राजनीति से जोड़ने के सवाल परंिसंह ने कहा कि यह दलित या अल्पसंख्यक के नाम पर राजनीति करने की कोशिश नहीं है बल्कि यह सच से रूबरू कराने की कोशिश है. सच यह है कि जहां जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां दलित उत्पीड़न की वारदातें लगातार सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि यह घटना केन्द्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस की दुर्भावनापूर्ण ढंग से की जा रही कार्रवाई का नतीजा है. समूचा घटनाक्रम और वारदात के साक्ष्यों से एकपक्षीय कार्रवाई का सच उजागर हुआ है और इसी से केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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