आप खुद क्या कर रहे हैं ट्रैफिक कंट्रोल के लिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में भीड़भाड़ वाले 77 स्थानों पर भीड़ कम करने की योजना के लिए यातायात पुलिस द्वारा सिर्फ पांच जगहों का चयन करने पर अप्रसन्नता व्यक्त की.
दिल्ली में ट्रैफिक जाम का मामला |
और इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि उन मेट्रो लाइन के बारे में कोई योजना क्यों नहीं हैं जो चालू होने वाली हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्राधिकारी 77 स्थानों में से सिर्फ पांच जगहों को ट्रैफिक का बोझ कम करने की परियोजना के लिए चयन नहीं कर सकती हैं. जस्टिस मदन लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि आपको मेट्रो के अनुरूप भी योजना तैयार करनी होगी. मेट्रो सेवाओं के बारे में तो कुछ भी नहीं है. इस बात की योजना ही नहीं है कि जब मेट्रो की नई लाइनें चालू हो जाएंगी तो क्या होगा.
दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील वसीम अहमद कादरी ने कहा कि बढ़ते ट्रैफिक को कम करने के लिए कार्यबल की सिफारिशों पर अमल होगा. इस पर बेंच ने कहा कि हम इस तरह के थोथे बयान को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.
कादरी ने कहा कि यातायात के 28 मागोर्ं पर विचार किया जाना था लेकिन फ्लाई ओवर और अंडरपास के निर्माण की प्रक्रिया में अभी वक्त लगेगा. उन्होंने धौला कुआं चौराहा, सरदार पटेल मार्ग, 11 मूर्ति मार्ग ओर पंचशील मार्ग पर भीड़भाड़ का जिक्र करते हुए कहा कि इस संबंध में उचित कदम उठाए जाएंगे.
हालांकि अदालत ने 77 में से सिर्फ पांच स्थानों का चयन करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और टिप्पणी की कि आप कह रहे हैं कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को यह करना है, किसी अन्य को यह काम करना है तो फिर आप को क्या करना है. आप यह नहीं कह सकते कि हम सिर्फ अदालत में दस्तावेज दाखिल करेंगे. कादरी ने जब अतिक्रमण का जिक्र किया तो बेंच ने सवाल किया कि कौन सा अतिक्रमण आपको हटाना है और कब हमें बताएं.
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