मैक्स अस्पताल को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश

Last Updated 06 Feb 2018 09:26:54 PM IST

दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी के पीतमपुरा के मैक्स अस्पताल को 10 साल के बच्चे तथा उसके माता-पिता को 30 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश दिया है.


(फाइल फोटो)

दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी के पीतमपुरा के मैक्स अस्पताल में बच्चे के जन्म के समय लापरवाही के कारण उसके बायें हाथ में स्थायी तौर पर समस्या रहने के कारण आयोग ने 10 साल के बच्चे तथा उसके माता-पिता को 30 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का निर्देश दिया है.
    
दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग की पीठ ने निजी अस्पताल पर भारी जुर्माना लगाते हुए कहा कि यह अस्पताल के मानव जाति को मानव जाति के रूप में सेवा देने के रुख में गुणात्मक बदलाव लाने के मकसद को पूरा कर सकता है.    
     
आयोग ने सोनीपत के रितेश कुमार गर्ग, आरती गर्ग और उनके बेटे कुश गर्ग को हुई समस्या और मानसिक पीडा को लेकर 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.
   
इसके अलावा अस्पताल को 5 लाख रुपये बच्चे की मां को देने को कहा गया. यह राशि बच्चे को जन्म देने के समय अस्पताल में भर्ती होने से लेकर बच्चे के मुंबई के अस्पताल में इलाज में आयी खर्च के एवज में देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही 5 लाख रुपये मुकदमे में हुए खर्च के बदलने देने को कहा गया.
     
सदस्र्य न्यायिकी ओ पी गुप्त और अनिल श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘‘मानवीय स्पर्श जरूरी है. यह उनकी आचार संहिता है. यह उनका कर्तव्य है और इसे वियान्वित करने की जरूरत है.’’


   
अस्पताल ने हालांकि यह दावा किया कि लापरवाही और सेवा में कमी का आरोप गलत और आधारहीन है.
  
उसने कहा कि डज्ञक्टरों ने पूरी एहतियात बरती और उस समय बच्चे के हाथ में कोई समस्या नहीं पायी गयी.

भाषा


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