मध्य प्रदेश: 'भूखे-नंगे' के बाद 'आइटम' पर गरमाई सियासत

Last Updated 19 Oct 2020 11:25:04 AM IST

मध्य प्रदेश में तल्ख होती बयानबाजी ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। पहले कांग्रेस नेता द्वारा शिवराज सिंह चौहान के परिवार को भूखा नंगा बताए जाने और फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कथिततौर पर इमरती देवी को आइटम कहे जाने से सियासत गरमा गई है। भाजपा जहां हमलावर हो गई है तो कांग्रेस को सफाई देनी पड़ रही है कि भाजपा शब्दों का अनर्थ निकाल रही है।




शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ (फाइल फोटो)

राज्य के 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं और यहां मतदान तीन नवंबर को होना है। नामांकन भरने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राजनेताओं के बयान तल्ख हो चले हैं। ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा क्षेत्र में रविवार को प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इशारों-इशारों में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को आइटम कह दिया था। कमलनाथ के इस बयान के बाद से ही भाजपा हमलावर है और कमलनाथ को घेरने में लग गई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के बयान को ओछी मानसिकता का प्रतीक बताते हुए कहा है कि, इमरती देवी उस गरीब किसान की बेटी का नाम है, जिसने गांव में मजदूरी करने से शुरुआत की और आज जनसेवक के रूप में राष्ट्रनिर्माण में सहयोग दे रही हैं। पहले कांग्रेस ने मुझे 'भूखा-नंगा' कहा और अब एक महिला के लिए 'आइटम' जैसे शब्द का उपयोग कर कमलनाथ ने अपनी सामंतवादी सोच फिर उजागर कर दी।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ की टिप्पणी पर रोष प्रकट करते हुए कहा, एक गरीब और मजदूर परिवार से आगे आईं दलित नेता इमरती देवी को आइटम और अजय सिंह द्वारा जलेबी कहना अत्यंत निंदनीय और आपत्तिजनक है। कमलनाथ की यह टिप्पणी महिलाओं और दलितों के प्रति उनकी मानसिकता को भी दर्शाती है। दिग्विजय सिंह ने भी इसी तरह की टिप्पणी कांग्रेस की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन पर की थी।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कमलनाथ की टिप्पणी की निंदा की और कहा कि नवदुर्गा पर्व के दौरान कमलनाथ ने भाजपा की प्रत्याशी बहन इमरती देवी जो अनुसूचित जाति की हैं, के बारे में जिस तरह का बयान दिया है, वह शर्मनाक है। कमलनाथ ने इमरती देवी को 'आइटम' कहकर समूची नारी शक्ति का अपमान करने का काम किया है।

आइटम वाले बयान के तूल पकड़ने और भाजपा के हमलावर होने पर कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर और भाजपा पर दुष्प्रचार करने का आरेाप लगाते हुए कहा कि, यह सही है कि मैंने आइटम कहा है क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है। मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम हैं और इस अर्थ में हम सभी आइटम हैं। लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में भी आइटम नंबर लिखा जाता है। क्या यह असम्मानजनक है? मध्य प्रदेश की जनता जब खून के घूंट पी रही है तो उसके आंसू पोंछने की बजाय आपकी पार्टी मेरे कोक पीने को मुद्दा बना रही है। क्या यह कोई मुद्दा है? क्या इससे जनता का जीवन जुड़ा है?

मालूम हो कि पिछले दिनों ही कांग्रेस के नेता दिनेश गुर्जर ने शिवराज सिंह चौहान को भूखे नंगे परिवार और कमलनाथ को देश का दूसरे नंबर का उद्योगपति बताया था। इस मसले को भाजपा ने किसान व गरीब बनाम उद्योगपति का मुकाबला बनाने की केाशिश की और अब आइटम आ गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य के विधानसभा चुनाव आमजन से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा चर्चा नहीं है बल्कि उन मुद्दों ने सियासी रंग ले लिया है जिनका आमजन से कोई वास्ता नहीं है। यह सही है कि कांग्रेस ने बैठे बैठाए भाजपा को हमला करने का हथियार दे दिया है। कांग्रेस अभी तक दिनेश गुर्जर के उस बयान के असर को कम नहीं कर पाई थी जिसमें शिवराज को भूखे नंगे परिवार का कहा गया था और अब कमलनाथ का ऐसा बयान आया है, जिसका जवाब आसान नहीं होगा। भाजपा इसे आगामी दिनों में दलित महिला का अपमान प्रचारित करने में पीछे नहीं रहेगी और चुनावी लाभ लेने का हर संभव प्रयास करेगी।

आईएएनएस
भोपाल


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