मध्य प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए बनेगा आयोग, अन्य वर्गों को कई रियायतें

Last Updated 01 Jun 2020 10:06:54 AM IST

मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का पांचवां चरण 'अनलॉक प्रथम चरण' कहलाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रवासी मजदूरों के लिए आयोग बनाने और अन्य वर्गों को कई रियायतें देने का ऐलान किया है।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान (फाइल फोटो)

प्रदेश की जनता के नाम रविवार की रात दिए संदेश में चौहान ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए मंत्र 'दो गज की दूरी' (फिजिकल डिस्टेंसिंग), फेस कवर (मास्क लगाना), बार-बार हाथ धोना, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकना जैसे नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। तभी हम देश और प्रदेश से कोरोना को पूरी तरह भगा पाएंगे।"

उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन करेंगे। साथ ही प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से आर्थिक गतिविधियां संचालित करेंगे। जिन जिलों में अधिक प्रभावित मोहल्ला, कॉलोनी इत्यादि क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया होंगे, उनमें 30 जून, 2020 तक लॉकडाउन यथावत लागू रहेगा। कंटेनमेंट क्षेत्रों में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी। प्रदेश का शेष क्षेत्र सामान्य क्षेत्र होगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि रात्रिकालीन कर्फ्यू का समय अब रात नौ से सुबह पांच बजे तक होगा। इस दौरान अत्यावश्यक गतिविधियों को छोड़कर लोगों का आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर आठ जून से धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थान- पूजा स्थल, होटल, रेस्तरां, अन्य आतिथ्य सेवाएं और शॉपिंग मॉल खुलेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अभी शैक्षणिक संस्थाएं बंद रहेंगी, लेकिन 12वीं की परीक्षाओं के लिए विद्यालय खोले जाएंगे। बाद में स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक, प्रशिक्षण व कोचिंग संस्थान आदि को खोलने का निर्णय सभी लोगों के साथ परामर्श कर जुलाई में लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लौटे प्रवासी मजदूरों सहित अन्य वर्गों के लिए खास रियायतें देने का ऐलान किया है। चौहान ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिए प्रवासी मजदूर कमीशन बनाया जाएगा। हर प्रवासी मजदूर का कार्य के लिए बाहर जाने से पहले कलेक्टर के पास रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा, ताकि वह जहां भी जाए, उसका ध्यान रखा जा सके और महिला स्व-सहायता समूहों के लिए कम ब्याज पर ऋण दिलाने की योजना शुरू की जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि छोटे व्यवसायियों को बैंकों के माध्यम से 10 हजार रुपये तक का ऋण बिना गारंटी के दिलवाया जाएगा, जिसमें सात प्रतिशत ब्याज सरकार देगी। बिजली बिलों में विभिन्न प्रकार की रियायतें दी जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, "लॉकडाउन के कारण पिछले दो माह से हमारे व्यापारी भाइयों के व्यवसाय और उद्योगों में कार्य बंद थे। एक तरफ आय के स्रोत कम हो गए, मगर फिक्स खर्चे तो यथावत रहे। इनमें जनमानस में सबसे अधिक चिंता बिजली के फिक्स चार्जेस को लेकर थी।"

उन्होंने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि अब सभी गैर-घरेलू, गैर-औद्योगिकी, निम्न दाव और उच्च दाव औद्योगिक उपभोक्ताओं, जैसे दुकानें, शोरूम, अस्पताल, रेस्टोरेंट, मैरिज गार्डन, पार्लर, एमएसएमई और बड़े उद्योग आदि के माह अप्रैल से जून तक के बिजली बिलों के फिक्स चार्जों की वसूली स्थगित कर दी गई है। यह राशि अक्टूबर, 2020 से मार्च, 2021 के बीच छह समान किस्तों में बिना ब्याज के जमा की जा सकेगी। लगभग 12 लाख छोटे उद्यमियों, दुकानदारों और छोटे व्यवसायियों से प्राप्त होने वाली लगभग 700 करोड़ रुपये की राशि उनसे आगामी महीनों में ली जाएगी।

चौहान ने कहा कि संबल के हितग्राही तथा ऐसे घरेलू उपभोक्ता, जिनके बिजली के बिल अप्रैल में 100 रुपये तक के आए थे तथा मई, जून, जुलाई में भी 100 रुपये से कम आएंगे, उन्हें इस अवधि की राशि के स्थान पर सिर्फ 50 रुपये महीने का भुगतान करना होगा। इससे लगभग 63 लाख हितग्राहियों को 100 करोड़ रुपये का लाभ होगा। इसी तरह जिनके बिल अप्रैल में 100 रुपये से कम के आए थे, मगर मई, जून और जुलाई माह में 100 रुपये से अधिक थे, मगर 400 रुपये से कम आए हैं या आएंगे, तो उन्हें इस अवधि के बिल की राशि के स्थान पर सिर्फ 100 रुपये प्रतिमाह का भुगतान करना होगा। इससे लगभग 28 लाख हितग्राहियों को 150 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

वहीं, अप्रैल में बिल 100 रुपये से अधिक के, लेकिन 400 रुपये से कम के आए थे, मगर मई, जून और जुलाई माह में 400 रुपये से ज्यादा के आए हैं या आएंगे, तो उन्हें तीन माह के बिल की राशि की आधी राशि का ही भुगतान करना होगा। शेष बिल की राशि की जांच के बाद निर्णय लिया जा सकेगा। इससे लगभग आठ लाख हितग्राहियों को बिल की राशि का आधा भुगतान ही करना होगा। हितग्राहियों को लगभग 200 करोड़ का लाभ होगा।

मुख्यमंत्री चैहान ने बताया कि राज्य में और राज्य के बाहर आने-जाने वाले वाहनों के लिए किसी प्रकार के पास की आवश्कता नहीं होगी। पूरे प्रदेश में अंतर्राज्यीय बसों का संचालन सात जून तक बंद रहेगा। इसके बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।

इंदौर, उज्जैन तथा भोपाल संभाग सहित पूरे प्रदेश में फैक्टरी के संचालन में और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवहन के लिए बसें संचालित करने की अनुमति होगी। राज्य के अंदर सार्वजनिक परिवहन की बसें इंदौर, उज्जैन और भोपाल को छोड़कर अन्य सभी संभागों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित हो सकेंगी। इंदौर, उज्जैन, नीमच और बुरहानपुर के नगरीय क्षेत्रों के बाजारों की एक चैथाई दुकानें बारी-बारी से खुलेंगी। भोपाल के बाजारों की एक तिहाई दुकानें बारी-बारी से खुलेंगी। देवास, खंडवा नगर निगम तथा धार और नीमच नगरपालिका क्षेत्र की आधी-आधी दुकानें बारी-बारी से खुलेंगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी शासकीय और प्राइवेट कार्यालय इंदौर, उज्जैन और भोपाल नगर निगम क्षेत्र में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ और शेष प्रदेश में पूरी क्षमता से खोले जाएंगे।

आईएएनएस
भोपाल


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