मप्र में मनरेगा मजदूरों को दिए जाएंगे होम मेड मास्क

Last Updated 13 Apr 2020 08:50:57 PM IST

मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाले श्रमिकों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए होम-मेड मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे। ये मास्क महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे हैं।


मनरेगा मजदूरों को दिए जाएंगे होम मेड मास्क

ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मनरेगा के तहत रोजगार पाए श्रमिकों को कोविड-19 वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए होम-मेड मास्क उपलब्ध करने की सलाह भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों को दी गई है।

उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में गठित महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित होम-मेड मास्क मनरेगा श्रमिकों को मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। मास्क तैयार करने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन भी सुनिश्चित कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत दो लाख 87 हजार स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं। इन समूहों की महिला सदस्यों को मास्क तैयार करने की सलाह दी गई है। इनके द्वारा निर्मित मास्क को 'होम-मेड मास्क' नाम दिया गया है।

प्रदेश के अधिकांश जिलों में समूहों की महिला सदस्यों ने मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक 1927 समूहों द्वारा 25 लाख 42 हजार से अधिक मास्क तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही, 26 हजार 431 लीटर सेनेटाइजर, 3866 पीपीई किट्स भी तैयार किए जा चुके हैं। इन समूहों द्वारा 52 हजार 246 हैंड-वाश साबुन का भी उत्पादन किया गया है।

अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा निर्मित यह सामग्री मनरेगा के श्रमिकों के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के गरीब हितग्राहियों और छोटे किसानों को भी उपलब्ध कराई जा रही है।

आईएएनएस
भोपाल


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