विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय के बाद कमलनाथ सरकार शक्ति परीक्षण के लिए तैयार: दिग्विजय

Last Updated 12 Mar 2020 04:33:23 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय होने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार शक्ति परीक्षण का सामना करने के लिए तैयार है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह

विधानसभा सचिवालय में राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह ने सवाल किया कि ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष से खुद मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा क्यों नहीं सौंप रहे हैं? यदि भाजपा इसे कांग्रेस का आतंरिक मामला बता रही है तो इन विधायकों के त्यागपत्र भाजपा के नेता भूपेन्द्र सिंह क्यों विधानसभा अध्यक्ष को सौंपते हैं?     

सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश में संवैधानिक संकट के लिए भाजपा जिम्मेदार है तथा वह सत्ता हथियाने के लिए जिस प्रकार के हथकंडे अपना रही है, उसे देश को समझना चाहिए।     

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि कमलनाथ जी (मुख्यमंत्री) पहले ही कह चुके हैं कि हम शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं, लेकिन शक्ति परीक्षण के पहले विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय होना चाहिए।’’      

भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को कब्जे में रखने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा, ‘‘यह प्रजातांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। वह उन्हें छोड़े। अगर स्पीकर साहब (विधानसभा अध्यक्ष) के सामने वे अपना पक्ष खुद रखते हैं, उसके बाद जो भी निर्णय होगा, उसे हम स्वीकार करेंगे।’’    

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बात ये है कि इस्तीफे मंजूर कब होंगे। इस्तीफे तब मंजूर होंगे जब ये विधायक (विधानसभा) अध्यक्ष जी के सामने खुद बैठकर कहेंगे कि मेरे दस्तखत हैं। मुझ पर कोई दबाव नहीं है और जब तक इस्तीफों पर निर्णय नहीं होता है तब तक फ्लोर टेस्ट (शक्ति परीक्षण) कैसे करवा लें?’’     

विधायकों के सामने नहीं आने पर कब तक इंतजार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक वे सामने नहीं आयेंगे तब तक इंतजार करेंगे।     

सिंह ने दावा किया कि हमें मालूम पड़ा है विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफे भेजने वाले विधायकों को नोटिस जारी किए हैं। इस नोटिस के आधार पर वे सामने आएं और स्थिति स्पष्ट करें।

राज्यपाल के अभिभाषण के पहले विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने की भाजपा नेताओं की मांग पर सिंह ने कहा, ‘‘मैं यह बताना चाहता हूं कि देश में कानून का राज होगा या भाजपा के निर्देशों पर राज्यपाल या स्पीकर काम करेंगे। कांग्रेस के 19 विधायक आज भी उनके कब्जे में हैं। विधायकों के परिवार के लोग उनसे बात नहीं कर पा रहे हैं। फोन उनके ले लिए गए हैं।’’     

उन्होंने कहा, ‘‘ये भी अजीब बात है कि कांग्रेस पार्टी के विधायकों के इस्तीफे भाजपा के विधायक भूपेन्द्र सिंह लेके आते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस्तीफे मंजूर हो जायें। फिर कहते हैं कि कांग्रेस का आतंरिक मामला है। अगर हमारा आतंरिक मामला है तो उन लोगों (विधायकों) को आपने कैद क्यों कर रखा है, छोड़िये उन्हें।’’     

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उनसे बयान दिलवा रहे हैं, वीडियो भिजवा रहे हैं। लेकिन स्पीकर के सामने उनको पेश क्यों नहीं किया जा रहा है?’’     

सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी अपनी विचाराधारा के साथ समझौता नहीं किया है और अपनी राजनीतिक जवाबदेही पर विश्वास करते हैं।     

इससे पहले सिंह ने कांग्रेस नेताओं, अपने मंत्री पुत्र जयवर्धन सिंह और पत्नी अमृता सिंह के साथ विधानसभा सचिवालय में निर्वाचन अधिकारी के समक्ष राज्यसभा के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया।      

इसके बाद सिंह ने उनके प्रति विश्वास जताने और राज्यसभा में कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने के लिए कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया।     

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार को कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें से 19 विधायक फिलहाल बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं जबकि तीन मध्य प्रदेश में ही हैं।

भाषा
भोपाल


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