मासूम बच्ची से दुष्कर्म पर स्कूल वैन चालक को आखिरी सांस तक कैद
दलित समुदाय की चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के जुर्म में विशेष अदालत ने मंगलवार को स्कूल वैन चालक को उसकी आखिरी सांस तक कारावास की सजा सुनायी.
(फाइल फोटो) |
विशेष न्यायाधीश रेणुका कंचन ने बबलू सोनी (23) को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (2) (डी), अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और अन्य सम्बद्ध कानूनों के तहत दोषी करार देते हुए यह दंड सुनाया. अभियोजन पक्ष ने अदालत में सोनी के खिलाफ 16 गवाह पेश किये थे.
विशेष लोक अभियोजक विशाल श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने सोनी के खिलाफ सुनाये फैसले में इस आशय का आदेश दिया कि मुजरिम को उसके शेष जीवनकाल तक जेल में कैद रखा जाए.
उन्होंने बताया कि शहर के एक निजी स्कूल की वैन चलाने वाले सोनी पर के.जी. प्रथम की चार वर्षीय छात्रा से 26 नवम्बर 2014 को दुष्कर्म का जुर्म साबित हुआ. वैन चालक ने अनुसूचित जाति वर्ग की बच्ची के निजी अंगों से छेड़छाड़ कर उसे हवस का शिकार बनाया था. घिनौनी वारदात के वक्त बच्ची वैन में अकेली थी और सोनी स्कूल की छुट्टी के बाद उसे उसके घर छोड़ने जा रहा था.
श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित बच्ची ने घर पहुँचने पर अपनी मां को रो-रोकर आपबीती सुनायी जिसके बाद स्कूल वैन चालक के खिलाफ मल्हारगंज पुलिस थाने में आपराधिक मामला दर्ज कराया गया था.
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