सीएम हेमंत संग राज्यपाल से मिला 40 सदस्यीय बहुदलीय शिष्टमंडल, ओबीसी आरक्षण बढ़ाने और डोमिसाइल पॉलिसी बिल पर मंजूरी की मांग रांची आईएएनएस
झारखंड में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने और डोमिसाइल एवं इंप्लॉयमेंट पॉलिसी के विधेयकों पर सहमति प्रदान करने और इन्हें केंद्र सरकार के पास भेजने की मांग को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 40 सदस्यों वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की।
![]() सीएम हेमंत की ओबीसी आरक्षण बढ़ाने और डोमिसाइल पॉलिसी बिल पर मंजूरी की मांग |
ये दोनों विधेयक बीते 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में पारित किए गए थे। इन विधेयकों को इस संकल्प के साथ पारित कराया गया था कि इन्हें संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। केंद्र इन्हें नौवीं अनुसूची में शामिल करा देता है तो ये दोनों विधेयक कानून का रूप ले लेंगे। बता दें कि नौवीं अनुसूची में शामिल होने वाले कानूनों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
फिलहाल विधानसभा से पारित ये दोनों विधेयक राज्यपाल के पास विचारार्थ हैं। इन दोनों विधेयक अगर कानून का रूप ले लेते हैं तो राज्य में थर्ड और फोर्थ ग्रेड की शत प्रतिशत सरकारी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित हो जाएंगी और राज्य में ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी हो जाएगा। स्थानीय नीति विषयक विधेयक के मुताबिक झारखंड में स्थानीय निवासी उन्हें माना जाएगा, जिनके पूर्वजों के नाम 1932 या उसके पूर्व राज्य में हुए भूमि सर्वे के कागजात (खतियान) में दर्ज होंगे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल ने उनसे आग्रह किया कि वे इन विधेयकों पर जल्द से जल्द अनुमोदित कर केंद्र सरकार के पास अग्रसारित कर दें। राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये दोनों विधेयक झारखंड के आदिवासियों और मूल निवासियों को उनका वाजिब हक दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है। राज्य में कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो नहीं चाहते कि झारखंड के स्थानीय लोगों को उनका अधिकार मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति से तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरियां स्थानीय लोगों को मिलेंगी, लेकिन इसे बाहर के राज्यों के लोगों को बहुत तकलीफ हो रही है। ऐसे ही लोग हमारी पॉलिसियों के खिलाफ अदालत में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि हाल में उच्च न्यायालय में हमारी नियोजन नीति खारिज हुई है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस मामले में न्यायालय में याचिका दायर करने वाले 20 लोगों में से सिर्फ एक झारखंड का है। बाकी लोग दूसरे राज्यों के हैं।
मुख्यमंत्री से राज्यपाल से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा से भी शामिल होने की अपील की थी, लेकिन भाजपा ने 1932 के खतियान पर आधारित डोमिसाइल पॉलिसी पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए प्रतिनिधिमंडल से खुद को अलग रखा। प्रतिनिधिमंडल में झामुमो, कांग्रेस, राजद, आजसू पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, माकपा, भाकपा माले सहित अन्य दलों के नेता शामिल थे। इनमें मंत्री आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव, चंपई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मथुरा महतो, विधायक अंबा प्रसाद, अनूप सिंह, विनोद सिंह आदि प्रमुख थे।
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