झारखंड में असहायों के लिए संजीवनी बना 'दाल-भात केंद्र'

Last Updated 01 Apr 2020 09:40:44 AM IST

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच झारखंड का 'दाल-भात केंद्र' असहायों और निर्धनों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।


(फाइल फोटो)

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दाल-भात केंद्रों की सफलता के बाद मंगलवार से रांची में 'मुख्यमंत्री रसोईघर' की शुरुआत भी कर दी है।

झारखंड में 377 दाल-भात केंद्र पहले से चल रहे थे, जहां पांच रुपये का भुगतान कर लोग भरपेट भोजन करते थे। सरकार ने लॉकडाउन की स्थिति में 498 दाल-भात केंद्र शुरू करने का निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह के अंदर सभी नए विशेष दाल-भात केंद्र शुरू करने की बात कही गई है।

राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने सभी जिला के उपायुक्तों को कुछ दिन के अंदर ही हर जिले में जगह चिन्हित कर वहां केंद्र खुलवाने का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं, अब जिला प्रशासन जगह चिन्हित कर रहा है।

उन्होंने बताया, "झारखंड के सभी दाल-भात केंद्रों में मंगलवार से असहाय लोगों को नि:शुल्क भोजन मिलने लगा है। अबतक पांच रुपये में पेटभर भोजन कराया जाता था। सरकार ने यह निर्णय लॉकडाउन अवधि के लिए लिया है।"

उरांव ने बताया कि यह व्यवस्था लॉकडाउन के बाद भी कुछ माह तक चलाया जाएगा, जबतक हर क्षेत्र में स्थिति पटरी पर ना आ जाए। दाल-भात केंद्र चलाने वाले संचालकों को अलग से पैसा मुहैया कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दाल-भात केंद्र में बड़ी संख्या में असहाय और निर्धन लोग पहुंच रहे हैं और खाना खा रहे हैं। मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि इससे पहले सभी थानों में बने सेंट्रलाइज्ड किचन से लोगों को भोजन दिया जा रहा है। इसमें भी कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लोगों को भोजन मिलेगा, इसमें कोई कमी नहीं होगी।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सरकार हर स्तर से लोगों को भोजन उपलब्ध करा रही है। राशन दुकानों से दो से तीन माह का राशन दिया जा रहा है।

मंत्री ने कहा, "कुल 875 दाल-भात केंद्रों में हर आने वाले व्यक्ति को खिचड़ी देने की व्यवस्था की गई है। सूखे राशन की भी व्यवस्था है।"

उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के इस दौर में जहां असहायों और निर्धन लोगों के भोजन का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है, ऐसे में दाल-भात केंद्र ऐसे लोगों के लिए वरदान बनी हुई है।

लातेहार सदर अस्पताल के समीप चल रहे दाल-भात केंद्र पर मिले बीरबल कहते हैं, "इस लॉकडाउन में पेट भरना मुश्किल है। ऐसे में यह केंद्र ही हम जैसे लोगों के लिए जीवन जीने का आसरा बना हुआ है। ऐसे समय में, जब कोई घर के बाहर खड़ा भी नहीं होने दे रहा, पेटभर खाना मिल जाना मामूली बात नहीं है।"

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को रांची में राउंड टेबल इंडिया एवं रांची जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से तैयार किए गए 'सीएम किचन' की शुरुआत की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है। सोरेन ने कहा, "किसी भी व्यक्ति की मृत्यु भूख से न हो यह सुनिश्चित करना हम सभी का परम कर्तव्य है।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "लॉकडाउन की अवधि में किसी भी व्यक्ति को भोजन की समस्या उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार ने पूरे झारखंड में तत्काल सीएम किचन एवं कम्युनिटी किचन की शुरुआत के लिए थानों सहित विभिन्न संस्थानों को निर्देश दिए हैं।"
 

आईएएनएस
रांची


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