झारखंड में पर्यटन स्थलों के जीर्णोद्धार और विकास की जरूरत: उच्च न्यायालय

Last Updated 29 Feb 2020 12:51:42 PM IST

झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य में कई पर्यटन स्थलों के जीर्णोद्धार और विकास की आवश्यकता है।


मलूटी मंदिर (फाइल फोटो)

मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के पर्यटन सचिव और पर्यटन निदेशक को सुनवाई की अगली तिथि पर मौजूद रहने के निर्देश दिये। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

पीठ ने कहा कि झारखंड में कई पर्यटन स्थल हैं और उन स्थानों पर बुनियादी ढांचे के विकास की जरूरत है।

अदालत ने कहा कि मलूटी मंदिर, नेतरहाट, देवघर, पतरातू बांध, हुंडरू फॉल्स जैसे दर्शनीय पर्यटन स्थलों को आधुनिक स्तर का बनाये जाने की जरूरत है।

प्रकृति ने झारखंड को अप्रतिम सौंदर्य और असीमित पर्यटन स्थलों से नवाजा है। एक ओर सदियों के प्राकृतिक परिवर्तनों ने इन नयनाभिराम दृश्यों और स्थलों की रचना की है, जिनमें ख़ूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार और वन्य प्रदेश शामिल हैं। वहीँ दूसरी ओर कई मानवनिर्मित भी हैं जैसे उद्यान, मंदिर और प्राचीन कला स्थल। झारखंड क्षेत्र विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों एवं धर्मों का संगम क्षेत्र है। आदिवासिओं का अनूठा जीवन और उनके विविधतापरक रीतिरिवाज भी पर्यटकों का बरबस मन मोह लेते हैं।

 

भाषा
रांची


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