झारखंड में लाकर दिखाएंगे भाजपा सरकार : मरांडी

Last Updated 18 Feb 2020 09:19:01 PM IST

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी 14 साल का वनवास काटकर पुराने घर लौटे तो अब राज्य में भाजपा की सरकार लाने की मानो कसम खा चुके हैं।


झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी

झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) का विलय करने के बाद मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि राज्य में अगली बार भाजपा की सरकार बनेगी, वह भी मजबूती के साथ। इसके लिए उन्होंने अपनी ओर से भरसक कोशिश करने की बात कही है।

अमित शाह की मौजूदगी में बीते सोमवार को घर वापसी करने के बाद आईएएनएस को दिए पहले इंटरव्यू में बाबूलाल ने कहा कि वह भाजपा में मिलने वाली हर जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं। अमित शाह ने भी सोमवार को यहां के जगन्नाथपुर मैदान में दिए भाषण में बाबूलाल मरांडी को बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत दिए थे।

माना जा रहा है कि हालिया चुनाव में झटका खा चुकी भाजपा अब मरांडी के जरिए राज्य में आदिवासियों की बीच जनाधार बढ़ाने में जुटेगी।

यहां अपने आवास पर एक छोटे से कमरे में मौजूद बाबूलाल मरांडी की मेज पर गीता और महाभारत एक साथ रखी हुई थी। वहीं कुर्सी के बगल में आदिवासियों की पहचान तीर-धनुष भी था। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत के दौरान साल 2006 में नाराजगी के कारण भाजपा छोड़ने और फिर 14 साल बाद वापसी के पीछे का राज भी खोला।

बाबूलाल मरांडी ने कहा, "2006 में कुछ कारणों से पार्टी छोड़ने के बाद से ही भाजपा के बड़े नेता वापस लाने में जुटे थे। मगर अपने आप को समझाना मुश्किल था। 2014 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव हारने के बाद मुझे राज्यसभा भेजने का भी गृहमंत्री अमित शाह ने एक दूत भेजकर ऑफर दिया था। तब मुझे लगा कि लोग मेरा मजाक उड़ाएंगे कि हारने पर पद की लालच में वापस भाजपा चला गया। लेकिन इस वक्त देश और प्रदेश के जो हालात हैं, उस वजह से भाजपा में पार्टी के विलय को उचित समय समझा। इसमें ओम माथुर सूत्रधार बने। मेरी पार्टी के अधिकांश लोगों की भी यही राय थी कि झारखंड विकास मोर्चा का भाजपा में विलय करना चाहिए।"

मरांडी ने पिछले साल झारखंड में हुई रघुवर सरकार की हार पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हार के पीछे एक नहीं अनेक कारण होते हैं।

उन्होंने कहा, "हार का कोई एक कारण नहीं होता। प्रत्याशी, नेता, कार्यकर्ता और उस समय के विचार के साथ सामने वाला भी हार के कारणों में होते हैं।"

भाजपा में वापसी के बाद अपने लक्ष्य को लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा, "चूंकि आदिवासी वर्ग से हूं तो इस समुदाय के अधिक से अधिक लोगों को भाजपा से जोड़ने की कोशिश करूंगा।"

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा।



उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि जनादेश वाली हेमंत सोरेन सरकार ठीक से चले। मगर सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रही है। ट्विटर पर पूरी सरकार चल रही है। खजाना खाली होने की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं, मगर खजाने में कैसे पैसा आएगा इसकी व्यवस्था करने पर ध्यान नहीं है।"

बाबूलाल ने कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर सरकार की घेराबंदी करते हुए कहा, "उग्रवाद की समस्या बढ़ रही है। गिरिडीह में जहरीली शराब के कारण कई जानें चलीं गईं। मगर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।"

आईएएनएस
रांची


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