झारखंड चुनाव : अंतिम चरण में 'गुरुजी' की साख दांव पर

Last Updated 18 Dec 2019 07:20:39 PM IST

झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और आखिरी चरण में 16 विधानसभा सीटों के लिए 20 दिसंबर को मतदान होना है। इस चरण की सीटें संथाल परगना में आती हैं, जिसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का गढ़ समझा जाता है।


शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन

झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और आखिरी चरण में गुरुजी के नाम से लोकप्रिय शिबू सोरेन के परिवार की प्रतिष्ठा इस चरण में दांव पर है। हालांकि शिबू सोरेन खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण की लड़ाई संथाल परगना पहुंच गई है। यहां से सोरेन परिवार के दो सदस्य चुनाव मैदान में हैं। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट दो विधानसभा सीटों से चुनाव मैदान में हैं। वहीं उनकी भाभी सीता सोरेने जामा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में भाग्य आजमा रही हैं।

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में हेमंत ने बरहेट सीट से तकरीबन 24 हजार वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी, लेकिन दुमका में भाजपा प्रत्याशी लुइस मरांडी ने सोरेन को पारजित कर झारखंड की सियासत में बड़ा उलटफेर कर दिया था।

दुमका में एकबार फिर हेमंत सोरेन को कड़ी चुनौती मिल रही है। दुमका सीट पर भाजपा प्रत्याशी और मंत्री लुइस मरांडी और झामुमो प्रत्याशी और महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हेमंत सोरेन के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन झाविमो प्रत्याशी अंजूला मुर्मू के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं।

झामुमो के सर्वाधिक करिश्माई चेहरा शिबू सोरेन को इस साल हुए लोकसभा चुनाव में दुमका सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन ने पटखनी दे दी। इससे झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व सकते में है। इस चुनाव के जरिए झामुमो एकबार फिर अपनी खोई साख वापस हासिल करना चाहता है।

जामा विधानसभा क्षेत्र भी सोरेन परिवार के लिए पसंदीदा, सुरक्षित और सुनिश्चित सीटों की सूची में है। यहां से सीता सोरेन एकबार फिर चुनावी मैदान में हैं। 2005 का चुनाव छोड़ दें, तो 1980 से इस सीट पर झामुमो का कब्जा रहा है।

यहां से झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन विधायक बने थे और उसके बाद उनके बड़े बेटे दुर्गा सोरेन तथा दुर्गा सोरेन के निधन के बाद दो बार पतोहू सीता सोरेन ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।

शिबू सोरेन 1985 में यहां से विधानसभा चुनाव लड़कर और पहली बार विधायक चुने गए थे। इस सीट पर भी एकबार फिर सोरेन परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है।



बरहेट विधानसभा क्षेत्र से भी हेमंत चुनाव मैदान में हैं। बरहेट झामुमो के लिए वर्तमान स्थिति में सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र राजमहल लोकसभा क्षेत्र के तहत है, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में झामुमो ने जीत दर्ज की थी।

आईएएनएस
रांची


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