झारखंड में एजेएसयू ने किया डोमिसाइल नीति का विरोध
झारखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घटक दल एजेएसयू ने डोमिसाइल नीति तथा दो भूमि कानूनों में संशोधन का विरोध किया है और पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण बढ़ाए जाने की मांग की है.
(फाइल फोटो) |
ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) ने रविवार को संपन्न हुए तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के दौरान ये मांगें रखीं.
एजेएसयू के प्रवक्ता देव शरण भगत ने यहां पत्रकारों से कहा, \'हमारी पार्टी दो भूमि कानूनों में संशोधन को खारिज करती है और डोमिसाइल नीति के मौजूदा स्वरूप का विरोध करती है. इसके अलावा हमारी पार्टी राज्य में पिछड़ी जातियों को मिल रहा आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने की मांग भी करती है.\'
उन्होंने कहा कि पार्टी चाहती है कि राज्य सरकार जन-कल्याण के लिए काम करे. उन्होंने कहा, \'लेकिन हम भूमि कानूनों में संशोधन और डोमिसाइल नीति पर राज्य सरकार के साथ नहीं हैं.\'
राज्य की रघुबर दास सरकार ने पिछले वर्ष बहुतप्रतीक्षित डोमिसाइल नीति लागू कर दी और दो भूमि कानूनों- छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और संथाल परगना अधिनियम (एसपीटी)- में संशोधन भी किए.
एजेएसयू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा, \'पृथक राज्य गठित करने का उद्देश्य अब तक पूरा नहीं हो सका है. राज्य के लोगों की आकांक्षा विकास है, न कि भूमि कानूनों में संशोधन.\'
वार्षिक सम्मेलन के दौरान पार्टी नेताओं ने राज्य में पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग भी रखी. नेताओं का कहना है कि राज्य की 50 फीसदी से अधिक आबादी पिछड़ी जातियों की है, लेकिन उन्हें सिर्फ 14 फीसदी आरक्षण का लाभ ही मिलता है.
एजेएसयू नेताओं ने पिछड़ी जातियों का आरक्षण बढ़ाने के लिए विधानसभा की विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग भी रखी. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 50 फीसदी से अधिक कर दिया है.
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