कोरोना वायरस महामारी देश और दुनिया के लिए मुसीबत बन चुका है, मगर छत्तीसगढ़ से एक सुखद खबर सामने आ रही है। यहां मरीजों का आंकड़ा तो बढ़ा है मगर स्वस्थ होने वाले भी कम नहीं हैं।
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यहां अब तक 33 कोरोना के मरीज मिले जिनमें से 23 स्वस्थ हो चुके हैं। इस तरह स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा लगभग 70 फीसदी के आसपास है। यह इस बात का संकेत है कि अगर बेहतर तरीके से लड़ाई लड़ी जाए तो कोरोना वायरस को मात दी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ उन राज्यों में से है जिसने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने की तैयारी अन्य राज्यों के मुकाबले पहले ही शुरू कर दी थी। उसने मामले की गंभीरता को समझा और इसके रोकथाम के प्रयास भी शुरू कर दिए। छत्तीसगढ़ में 18 मार्च को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था और यहां 22 मार्च को देशव्यापी जनता कर्फ्यू से पहले ही सरकार सजग सतर्क हो गई थी और उसने एहतियाती कदम उठाए थे।
छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस को लेकर गुरुवार देर शाम तक सामने आए आंकड़ों पर गौर करें तो यहां अब तक 33 मरीजों के नमूने पॉजीटिव आए हैं और इनका रायपुर के एम्स अस्पताल में इलाज चला। अब तक 23 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और सिर्फ 10 मरीज ऐसे हैं जिनका एम्स रायपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। एक लिहाज से कुल मरीजों में लगभग 70 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो गए हैं।
यह देश में संभवत: इकलौता ऐसा राज्य है जहां स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत इतना ज्यादा है। यहां अब तक किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं आई है। सबसे ज्यादा मरीज कोरबा जिले में मिले हैं और उनकी संख्या 25 है। कोरबा में भी सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज कटघोरा कस्बे में मिले, इसके बाद सरकार की सजगता और सक्रियता ज्यादा बढ़ गई और लॉकडाउन को और सख्त कर दिया गया।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लॉकडाउन के दौरान सख्ती बरतने के पक्ष में है और यही कारण है कि यहां पर 20 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन को पहले से कहीं ज्यादा सख्त कर दिया गया है और लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है, ताकि कोरोना वायरस की किसी भी आशंका को रोका जा सके।
बघेल का कहना है, "अब केवल 10 कोरोना पॉजीटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। आशा है वो भी जल्द स्वस्थ होंगे। साथ ही लोगों की जरूरतों को पूरा करने के सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।"
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के ऑफिस के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है, जिसमें कहा गया है, "यह ऐसा युद्ध है, जिसमें खुले मैदान में न उतरने वाला ही जीतेगा। यह ऐसा काल है जिसमें पॉजिटिव शब्द से डर और नेगेटिव शब्द से संतोष मिल रहा है। यह एक ऐसी रेस है जिसमें न दौड़ने वाला ही जीतेगा।"
सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में 69144 लोगों वर्तमान में होम क्वारंटाइन हैं और अब तक 26411 लोग अपनी होम क्वारंटाइन की अवधि को पूर्ण कर चुके हैं। वहीं राज्य में अब तक 4821 लोगों के नमूने जांच के लिए भेजे गए इनमें से 4319 की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है वहीं 469 लोगों की जांच जारी है।
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