छत्तीसगढ़ : 1 किलोग्राम प्लास्टिक लाइए, मुफ्त भोजन पाइए

Last Updated 16 Sep 2019 05:33:27 PM IST

छत्तीसगढ़ के सरगुजा (अम्बिकापुर) में प्लास्टिक कचरे से मुक्ति के लिए एक अनोखी योजना गांधी जयंती दो अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। इसके तहत प्लास्टिक कचरा बीनने वालों को भोजन-नाश्ते की व्यवस्था की गई है।


1 किलोग्राम प्लास्टिक लाइए, मुफ्त भोजन पाइए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लास्टिक मुक्ति का आह्वान किया है। देश में पर्यावरण के लिए प्लास्टिक एक बड़ी समस्या व चुनौती बनती जा रही है।  सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर के नगर निगम ने शहर को साफ-सुथरा और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए इस नई योजना का लगभग एक माह पहले ऐलान किया था। इस योजना का मकसद शहर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त बनाना है। इस योजना को कुछ इस तरह तैयार किया गया है कि जो लोग कचरा बीनने का काम करते हैं, उन्हें प्लास्टिक कचरे के एवज में भोजन और नाश्ता दिया जाएगा। इसके लिए गार्बेज कैफे भी बनाया जा रहा है।

इस योजना को अमल में लाने की नगर निगम की ओर से तैयारी जारी है। नगर निगम के सभापति शफी अहमद ने आईएएनएस को बताया, "एक किलोग्राम प्लास्टिक का कचरा लाने पर 40 रुपये मूल्य का भोजन और 500 ग्राम कचरे पर 20 रुपये कीमत का नाश्ता संबंधित व्यक्ति को दिया जाएगा। इसके लिए बस स्टैंड पर गार्बेज कैफे तैयार किया जा रहा है, जो गांधी जयंती दो अक्टूबर से काम करने लगेगा।"

उन्होंने बताया, "इस योजना से शहर को साफ-सुथरा बनाने और प्लास्टिक मुक्त करने में बड़ी मदद मिलेगी, क्योंकि सड़कों पर नजर आने वाला और नालियों में जमा प्लास्टिक का कचरा एक जगह इकट्ठा होगा और दूसरी ओर इससे कचरा लाने वालों को भोजन व नाश्ता मिलेगा।"

हाल ही में अंबिकापुर को इंदौर के बाद देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। इस कैफे में इकट्ठा होने वाले प्लास्टिक को सीमेंट उद्योग में आग जलाने और सड़क बनाने के काम में लगाया जाएगा। इससे पहले भी शहर में प्लास्टिक के टुकड़ों और डामर से सड़क बनाई गई है।

नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान के तहत 17 सॉलिड एंड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट सेंटर (एसएलआरएम) बनाए गए हैं। यहां 53 तरह के कचरे इकट्ठा किए जाते हैं। इन कचरों को अलग-अलग करके उनकी नीलामी की जाती है। रीसाइकिलिंग के लायक प्लास्टिक कचरे की नीलामी होगी, और जो रीसाइकिलिंग के लायक नहीं होगा, उसे सीमेंट संयंत्र को दिया जाएगा। सीमेंट संयंत्र आग जलाने के लिए प्लास्टिक कचरे का उपयोग करते हैं। सड़क निर्माण में भी इस प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा।

शफी अहमद ने बताया, "प्रायोगिक तौर पर पहला गार्बेज कैफे दो अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर बस स्टैंड के करीब स्थित एसएलआरएम सेंटर में शुरू होगा। यह प्रयोग सफल रहता है तो आने वाले समय में सभी 17 एसएलआरएम सेंटर में गार्बेज कैफे बनाए जाएंगे।"



अंबिकापुर दो अक्टूबर को संभवत: देश का पहला ऐसा शहर बन जाएगा, जहां गार्बेज कैफे होगा और प्लास्टिक कचरा लाने के एवज में कचरा बीनने वालों को भोजन और नाश्ता मिलेगा।

आईएएनएस
सरगुजा


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