छत्तीसगढ़ के 1.38 लाख छात्र बने स्वच्छता अभियान के रोल मॉडल

Last Updated 13 Sep 2017 12:42:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में एक जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के 1.38 लाख छात्र-छात्राएं देश भर के लिए रोल मॉडल बन गए हैं.


स्वच्छ भारत अभियान

इन छात्र-छात्राओं ने अपने माता-पिता को स्कूल से पत्र लिखकर शौचालय बनाने की अपील की. इसका परिणाम यह निकला कि 48 हजार परिवारों ने अपने यहां शौचालय बनवा लिए और एक ब्लॉक की 96 पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो गई. हाल ही में दिल्ली में हुई एक राष्ट्रीय कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि की चर्चा की गई. प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय स्तर पर विशेष उपलब्धि हासिल करने वाला छत्तीसगढ़ का यह कबीरधाम जिला है, जहां स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत यूं तो पिछले दो वर्ष से खुले में शौच से मुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है लेकिन पिछले तीन माह में वहां के जिला पंचायत अधिकारियों द्वारा किए गए नए प्रयोग के ऐसे परिणाम सामने आए हैं जो देश भर के लिए मिसाल बन गए हैं.

48 हजार परिवारों ने बच्चों से प्रेरणा लेकर बनवाया शौचालय

दिल्ली में हुई कांफ्रेंस में कबीरधाम जिले की जिला पंचायत के सीईओ सर्वेश्वर भूरे ने बताया कि खुले में शौच से मुक्ति अभियान तथा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को सफल बनाने के लिए शौचालय बनाने पर ज्यादा जोर देने के बजाय लोगों के व्यवहार में परिवर्तन पर बल दिया गया और इसके लिए दो प्रयोग किए गए. पहले प्रयोग के तहत इस काम में समाज को जागरूक करने के लिए 200 उत्साही लोगों की एक टीम बनाई गई. इस टीम में समाज के अलग-अलग वर्गों के लोग शामिल किए गए. इनमें धर्मगुरु, शिक्षक, खिलाड़ी तथा स्वच्छता में रुचि लेने वाले लोग थे. इन सभी लोगों ने सामूहिक रूप से समाज को जागरूक करने की कोशिश की, जिसके परिणाम अत्यंत उत्साहजनक थे.

एक ब्लॉक की 96 पंचायतें तीन माह में हुई खुले में शौच से मुक्त

दूसरे प्रयोग के तहत 15 जुलाई को ग्रामीण क्षेत्रों के 1738 स्कूलों के लगभग 1.38 लाख छात्र-छात्राओं ने एक साथ पत्र लेखन आयोजन में शामिल होकर अपने माता-पिता से घर में शौचालय बनाने की अपील की. यह अपील घर की महिलाओं व लड़कियों के गौरव की रक्षा करने की एक विनम्र कोशिश थी, जिसके अत्यंत ही सकारात्मक व उत्साहजनक परिणाम सामने आए और 48 हजार परिवारों ने घरों में शौचालय बनाने की एक बड़ी शुरुआत की.

यही नहीं, इस प्रयास से तीन माह में ही एक ब्लॉक की 96 पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो गई. इससे जिले की स्वच्छता में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. वहां 100 महिलाओं का एक ऐसा समूह भी बनाया गया है, जिन्हें शौचालय बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है, साथ ही अनेक स्वयं सहायता ग्रुप बनाए गए हैं जिनसे स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया जा रहा है. स्वच्छता मंत्रालय ने उक्त जिले की उपलब्धि व कामकाज के तरीके को देश भर की जिला पंचायतों के साथ साझा किया है.
 

 

संजय टुटेजा
एसएनबी


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