पटना पहुंचे लालू,राजनीतिक गहमागहमी तेज, हवाई अड्डे पर समर्थकों ने किया जोरदार स्वागत
RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) के नौ माह के लंबे प्रवास के बाद पटना पहुंचे। पटना हवाई अड्डा (Patna Airport) पर समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।
![]() लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के नौ माह के लंबे प्रवास के बाद पटना पहुंचे। |
राजद सुप्रीमो के साथ उनके छोटे बेटे सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) पटना (Patna) पहुंचे।
राजनीतिक हलके में यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि वह महागठबंधन व पार्टी के अंदर व कई तरह के राजनीतिक विरोधाभासों का निराकरण करेंगे। जैसा कि पता है कि 5 दिसम्बर 2022 को उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। ऑपरेशन के बाद दिल्ली लौटने पर वह अपनी बड़ी बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती (Meesa Bharti) के यहां रह रहे थे। बताया गया है कि वह पटना में ही रहेंगे। चेकअप के लिए सिंगापुर या दिल्ली आना-जाना लगा रहेगा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पटना में सुप्रीमो पार्टी की नई कमेटी से मिलेंगे। पार्टी को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत करने के साथ-साथ नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को रोकने की भी रणनीत तैयार करेंगे। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में भाजपा विरोधी पार्टियों को एकजुट किया जा रहा है। समन्वय समिति की बैठक में लालू प्रसाद के शामिल होने की उम्मीद जतायी जा रही है। RJD समर्थकों को सबसे अधिक इंतजार इस बात का है कि नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी कब सौंपते हैं। लालू प्रसाद भी तेजस्वी को इस कुर्सी पर बैठते हुए देखना चाहते हैं। वहीं, नीतीश को पीएम बनाने की मुहिम के दमदार चेहरा बनाना चाहते हैं।
नीतीश-तेजस्वी सरकार (Nitish-Tejashwi government) में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है। जहां कांग्रेस दो और मंत्री पद की मांग कर रही है। कांग्रेस के दो मंत्री अफाक करीम और मुरारी गौतम पहले से सरकार में मंत्री हैं। दूसरी तरफ तेजस्वी यादव कह चुके हैं कि कांग्रेस को एक और मंत्री पद देना है। मनेर से राजद विधायक और वरीय नेता भाई वीरेंद्र को मुख्य प्रवक्ता के पद से हटाकर कुछ दिन पहले पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव को मुख्य प्रवक्ता बना दिया गया है। भाई वीरेंद्र के समर्थकों में इसको लेकर बहुत नाराजगी है। भाई वीरेंद्र पाटलिपुत्रा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। जानकारी है कि रीतलाल यादव भी अभी से इस सीट के लिए ताल ठोंक रहे हैं। भाई वीरेंद्र ने खुद कहा है कि उन्हें कई बार दूसरी पार्टियों से ऑफर आया लेकिन वे लालू प्रसाद के खूंटा ठोंक कार्यकर्ता हैं।
वहीं, माले महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की मांग कर रहा है। लालू प्रसाद के शासन काल में भदाही कांड हुआ था जिसमें एक दारोगा और तीन लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने कइयों को टाडा के तहत जेल में डाल दिया था।
अब माले की मांग है कि जब आनंद मोहन जैसे व्यक्ति को अपने राजनीतिक फायदे के लिए जेल से बाहर किया गया है तो टाडा के तहत जेल में बंद लोगों की रिहाई क्यों नहीं हो सकती। माले के विधायक इसको लेकर धरना भी दे रहे हैं। मंत्रिमंडल में राजद के मंत्री कार्तिक कुमार और सुधाकर सिंह को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। कार्तिक अनंत सिंह के खास हैं और सुधाकर सिंह, प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। इसलिए राजद को दो मंत्री पद मिलना है। ऐसे में उन्हें अब ये फैसला लेना होगा कि कार्तिक और सुधाकर की जगह कौन लेगा।
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