Anand Mohan की रिहाई पर चिराग पासवान ने ऐसा क्यों बोला?

Last Updated 28 Apr 2023 04:59:27 PM IST

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में हंगामा मचा हुआ है। एक आईएएस अधिकारी की हत्या के आरोप में पिछले 16 साल से आजीवन कारावास की सजा काट रहे, आनंद मोहन अब जेल से बाहर आ चुके हैं। बिहार सरकार द्वारा कारागार मैनुअल में किए गए संशोधन के बाद, सजा पूरी होने से पहले ही उन्हें रिहा कर दिया गया।


MP चिराग पासवान

आनंद मोहन की रिहाई पर सभी पार्टियां बड़ी सधी हुई  प्रतिक्रिया दे रही हैं। कुछ लोग इसे दलित बनाम अन्य की  लड़ाई बनाने पर तुले हुए हैं। इसी बीच चिराग पासवान ने भी आपने प्रतिक्रिया दे दी है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगा दिया है। चिराग पासवान ने कहा है कि नीतीश कुमार राजनीतिक फायदे के लिए कानून में तोड़ मरोड़ करते हैं। नीतीश कुमार ने कभी बयान दिया था कि वह किसी को ना फँसाते हैं और ना ही किसी को बचाते हैं। ऐसे में चिराग उनसे पूछते है कि  आनंद मोहन फंसे थे या फंसाये गए थे, और अगर ऐसा हुआ था तो वह किसकी वजह से।

आनंद मोहन आज अगर जेल से बाहर निकाले गए हैं तो किसकी वजह से। चिराग ने नितीश पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह राजनैतिक फायदे के लिए कानून में तोड़ मरोड़ करते हैं। उन्होंने शंका जाहिर की है कि आने वाले समय में सरकारी कर्मियों के मन में भय पैदा होगा। आए दिन पुलिसकर्मियों पर होने वाले हमले होते रहते हैं। ऐसे में सरकारी कर्मियों और पुलिसकर्मियों के अंदर निराशा का भाव पैदा होगा। उनका मनोबल टूटेगा। उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई को गलत बताया है। चिराग पासवान  नीतीश कुमार पर आरोप लगाते समय यह भूल गए कि उनकी पार्टी लोकजनशक्ति पार्टी ने भी बिहार के कई बाहुबलियों को टिकट दिया था, जिसमे से कई सांसद भी बन गए थे। उन्ही में से एक नाम है रामा सिंह का। रामा सिंह कभी लोकजनशक्ति पार्टी से सांसद बने थे। उनके ऊपर अपहरण और हत्या करने जैसे संगीन आरोप लगे थे। यही नहीं आरोप सिद्ध भी हुए थे।

नीतीश कुमार ने, आनंद मोहन की रिहाई करने के लिए कानून में जो संसोधन किया है, उस पर चर्चा होती रहेगी।  लेकिन यह तय है की आज नितीश सब पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। लेकिन दिक्कत यह है कि अब कुछ लोग इसे दलित का अपमान बताने लगे हैं। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उनकी रिहाई को लेकर भाजपा ने भी बड़ी सधी हुई प्रतिक्रया दी है, जबकि कुछ लोग इसे दलित बनाम अन्य की लड़ाई बनाने पर तुले  हुए हैं। इसी बीच मौक़ा पाकर, अब चिराग पासवान भी कूद पड़े हैं ल। यह मामला ऐसा है , जिस पर सभी पार्टी के नेता कुछ न कुछ बोलने पर मजबूर हैं।

चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कह दिया है कि  उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि नितीश करना क्या चाहते हैं। राजनैतिक पटल पर अलग-थलग पड़ चुके चिराग पासवान, इसी बहाने चर्चाओं में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश कुमार की इस चाल से सभी परेशान हैं। सबको लग रहा है कि नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की रिहाई कराकर राजपूतों को अपने पाले में कर लिया है। ऐसे में शायद दलितों से जोड़कर विपक्ष भी नीतीश को दूसरे तरीक़े से घेरने की कोशिश में लग गया है। अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार, विपक्ष के इस खेल से कैसे निपटते हैं।

शंकर जी विश्वकर्मा
नई दिल्ली


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