बिहार में नई शिक्षक नियमावली पर भाजपा हमलावर, कहा, एक बार फिर ठगा जा रहा

Last Updated 11 Apr 2023 03:35:32 PM IST

बिहार सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई है। इसे लेकर अब प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई।


राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (फाइल फोटो)

प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार को समर्थन दे रही भाकपा (माले) ने भी नियमावली का विरोध किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शिक्षकों की नई नियुक्ति नियमावली को धोखा करार दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों को फिर एक बार ठगा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में टीईटी और एसटीईटी उत्तीर्ण छात्रों को एक और परीक्षा देनी पड़ेगी। नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी बनने के लिए भी पुन: परीक्षा देनी पड़ेगी। अब प्रत्येक विद्यालय में पुराने वेतनमान, नियोजित शिक्षक और नई नियमावली के तहत बहाल सरकारी शिक्षक यानी कुल 3 प्रकार के शिक्षक होंगे।

उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि इतना भद्दा मजाक शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ कृपया मत कीजिए।

इधर, भाकपा माले ने भी नई शिक्षक नियमावली सातवें चरण शिक्षक अभ्यर्थियों और वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों के लिए निराशाजनक बताया है।

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों को इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाना चाहिए और उन्हें पुराने तरीके से नियोजित किया जाना चाहिए।

सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थी तो उम्मीद कर रहे थे कि सरकार उनके लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी, लेकिन अब वह एक और परीक्षा की बात कर रही है। यह उन अभ्यर्थियों से विश्वासघात है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 2019 में एसटीईटी परीक्षा को एक प्रतियोगी परीक्षा के बतौर आयोजित किया था, लेकिन बाद में वह उसे महज पात्रता परीक्षा कहने लगी। इसके कारण सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थियों में पहले से ही काफी आक्रोश है। इस बीच सीटीईटी-एसटीईटी-बीटीईटी की और परीक्षाएं भी ली गई हैं।

उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि नियोजित शिक्षकों के पूर्ण समायोजन के साथ पुराने शिक्षकों की भांति सेवा शर्त और वेतनमान दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि बिहार मंत्रिमंडल ने सोमवार को राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाही एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 को स्वीकृति दी।

इसके तहत राज्य सरकार सीधे शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। शिक्षक अब राज्यकर्मी होंगे।

सरकार ने पहले से नियुक्त नियोजित शिक्षकों को भी मौका दिया है। वे भी एक परीक्षा पास कर नियोजित से नियमित शिक्षक बन सकेंगे।

नई नियमावली के तहत सीटीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी प्रतियोगिता परीक्षा पास कर शिक्षक बन सकेंगे। यह परीक्षा बिहार लोक सेवा आयोग या किसी अन्य आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी।

आईएएनएस
पटना


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