बिहार में नदियों के उफान पर होने के बाद तटबंधों पर बढ़े दबाव को कम करने और पानी की तीव्रता पर अंकुश लगाने के लिए नदियों के पानी को डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनाई जा रही है।

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बिहार में बारिश के दौरान नदियों में बाढ़ नियति बन गई है, जिससे काफी नुकसान होता है। जल संसाधन विभाग अब इस नूकसान को कम करने की योजना बनाई जा रही है।
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदियों के उफान और उसके पानी के बहाव की तीव्रता को रोकने के लिए उसे डायवर्सन नहर में भेजने की योजना बनायी गई है।
सरकार का दावा है कि यह न केवल बाढ़ के प्रसार को रोकेगा बल्कि तटबंधों पर पड़ रहे अनावश्यक दबाव को भी कम करेगा। इससे सिंचाई के लिए भी किसानों को व्यापक सुविधा मिलेगी। उन्हें जरूरत का पानी अपने नहरों से मिल सकेगा।
सरकार का मानना है कि राज्य में कई जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं जबकि कई जिले सूखे से भी प्रभावित रहते हैं।
अक्सर उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या से प्रभावित होता है, वहीं दक्षिण बिहार का बड़ा हिस्सा सूखे की चपेट में रहता है। इस साल भी, दक्षिण बिहार की छोटी बड़ी नदियां भी सूखी पड़ी हैं, जबकि उत्तर बिहार की अधिकांश प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं।
ऐसे में विभाग बाढ़ प्रभावित नदियों के पानी को फैलाव देने की योजना बनी है। इन नदियों के पानी को डायवर्ट कर नहरों में भेजने की योजना बनाई है। इसके अलावा दक्षिण बिहार की नहरें भी सूखी रहती हैं। नहरों में पानी की उपलब्धता होने से किसानों को भी लाभ मिलेगा।
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