जाति जनगणना पर बिहार भाजपा की चिंता के तीन बिंदु
भाजपा की बिहार इकाई ने बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसे लेकर तीन बिंदुओं पर चिंता जताई है।
![]() संजय जायसवाल (फाइल फोटो) |
जायसवाल ने एक फेसबुक पोस्ट में अपनी पहली चिंता की ओर इशारा करते हुए कहा कि जातीय एवं उप जातीय गणना के कारण कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम नहीं जुड़ जाए और बाद में वह इसी के आधार पर नागरिकता को आधार नहीं बनाए।
दूसरा बिंदु उठाते हुए, जायसवाल ने कहा, "सीमांचल में मुस्लिम समाज में यह बहुतायत देखा जाता है कि अगड़े शेख समाज के लोग शेखोरा अथवा कुलहरिया बन कर पिछड़ों की हकमारी करने का काम करते हैं। यह भी गणना करने वालों को देखना होगा कि मुस्लिम में जो अगड़े हैं वह इस गणना के आड़ में पिछड़े अथवा अति पिछड़े नहीं बन जाएं।"
तीसरा भारत में सरकारी तौर पर 3747 जातियां है और केंद्र सरकार ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में बताया कि उनके 2011 के सर्वे में 4:30 लाख जातियों का विवरण जनता ने दिया है। यह बिहार में भी नहीं हो इसके लिए सभी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।
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