बिहार में बाढ़ से करीब 81 लाख लोग प्रभावित, 8 लाख हेक्टेयर में लगी फसल डूबी

Last Updated 15 Aug 2020 04:13:16 PM IST

बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। कुछ क्षेत्रों में भले ही बाढ़ का पानी कम हुआ है, लेकिन अभी भी बाढ़ग्रस्त इलाके के खेत बाढ़ के पानी लबालब भरे हैं। राज्य के 16 जिलों के 130 प्रखंडों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे करीब 81 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।


बाढ से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है,जबकि आठ लाख हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह बाढ के पानी में डूब गए हैं।

बिहार राज्य जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में वृद्धि की प्रवृति बनी हुई है। वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1.91 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढ़कर 1़ 95 लाख क्यूसेक हो गया।

इधर, गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बैराज पर 2.00 लाख क्यूसेक बना हुआ है।

इस बीच, राज्य में बागमती के जलस्तर में मामूली गिरावट आई है फिर भी ढेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट के पास खतरे के निषान से उपर बह रही है। इसके अलावे बूढ़ी गंडक, पुनपन, महानंदा और घाघरा भी कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से उपर बह रही हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिलों के कुल 130 प्रखंडों की 1,303 पंचायतें बाढ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 80.98 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 11 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां करीब 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावे बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 818 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब 6.63 लाख लोग भोजन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान इलाकों में विभिन्न घटनाओं में 25 लोगों की मौत हुई है।

अपर सचिव ने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं।

इधर, कृषि विभाग का कहना है कि बाढ़ से आठ लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर लगी फसल बर्बाद हुई है। विभाग के मुताबिक, राज्य के 251 प्रखंडों में आठ लाख हेक्टेयर से ज्यादा में लगी फसलों को अतिवृष्टि और बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। इसमें सबसे अधिक क्षति मुजफ्फरपुर जिले में हुई है, जहां 16 प्रखंडों के 1.08 हेक्टेयर भूमि में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

उल्लेखनीय है कि विभाग ने सभी जिलों से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद विभाग ने 10 अगस्त को खरीफ अतिवृष्टि एवं बाढग्रस्त प्रखंड की रिपोर्ट तैयार की है।

कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में किसानों को हुए इस नुकसान का आकलन अभी प्रारंभिक है। फसलों को कितना नुकसान हुआ, इसका सही आकलन बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही आएगा। यह भी संभव है कि पानी उतरने पर पता चले कि पूरे खेत में बालू पड़ गया है, जिससे खेतों को आगे भी खेती करना कठिन हो जाएगा।

आईएएनएस
पटना


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment