जविपा ने रखा उपवास, नीतीश सरकार पर लगाया संवेदनहीन होने का आरोप

Last Updated 09 May 2020 05:47:28 PM IST

अन्य प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने की मांग को लेकर जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एकदिवसीय उपवास रखा।


प्रवासी मजदूरों के लिए जविपा के नेताओं ने उपवास रखा

इस दौरान पार्टी के अध्यक्ष अनिल कुमार भी कई नेताओं के साथ पार्टी कार्यालय में अनशन पर बैठे।

जविपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अन्य राज्यों में फंसे सभी मजदूरों को वापस लाने की मांग को लेकर पार्टी के अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में पार्टी कार्यालय में एकदिवसीय अनशन किया। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस मौके पर सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया।

जविपा के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की सामंतवादी सोच है। इनकी ऐसी सोच हो गई है कि हमारे श्रमिक भाई बंधु, जो बिहार के बाहर फंसे हुए हैं उनके लिए थोड़ा भी दर्द नहीं है। ये लोग इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि इनको उनकी थोड़ी भी चिंता नहीं है।"

कुमार ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 27 लाख 27 हजार लोग बाहर फंसे हुए हैं। इसी बीच कर्नाटक में ट्रेन कैंसिल कर दिया गया, जबकि गुजरात में बिहार के लोगों पर लाठी चलाई जा रही। इसके बावजूद मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मुंह से एक शब्द इस मामले में नहीं निकला है।

कुमार ने सवालिया लहजे में कहा, "आखिर जब दूसरे राज्यों में हमारे श्रमिक भाईयों को पीटा जा रहा था, तब इन्होंने संवंधित राज्यों के मुख्यमंत्री से बात क्यों नहीं की? हमारा मानना है कि 27 लाख ही नहीं जितने भी मजदूर बाहर फंसे हैं, उन सभी को वापस लाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि हमलोग इन सामंतवादियों की सोच पर गांधीवादी ढंग से अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरा का पूरा बिहार आपदा प्रबंधन लूट प्रबंधन बना हुआ है और ये सारे लोग इस लूट में शामिल हैं।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि नीतीश कुमार खुद क्वारंटाइन हैं उनके सारे मंत्री, विधायक, सांसद भी क्वारंटाइन हैं।
 

आईएएनएस
पटना


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