बिहार : कोरोना की जंग में 'योद्धा' बने कई आईएएस!
कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। कोरोना को हराने के लिए बिहार में कई मोर्चो पर 'अधिकारियों की सेना' तैनात की गई।
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इसमें महत्वपूर्ण योद्धाओं के रूप में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रत्यय अमृत, संजय कुमार, संजय सिंह सहित कई अधिकारी सामने आए।
कोरोना से जंग में राजधानी से लेकर गांव स्तर तक अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि अपना योगदान दे रहे हैं। गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग सहित सभी विभाग अपनी भूमिका निभा रहे हैं। जिले के जिलाधिकारी जहां लोगों से समन्वय बनाकर राहत और कोरोना चेन को तोड़ने के लिए प्रतिदिन नए व्यूहरचना के साथ जंग में उतर रहे हैं, वहीं पंचायत के मुखिया भी इस जंग में अपना योगदान दे रहे हैं।
ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर लोगों को राहत पहुंचाने के अभियान का सफल नेतृत्व कर रहे हैं।
वैसे, बिहार में बाढ़ और सूखा से लड़ने का इनका पुराना अनुभव रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशों के अनुसार प्रत्यय अमृत ने इस लॉकडाउन में भी प्रभावित लोगों को आपदा पीड़ित मानकर राहत पहुंचाने के अभियान का नेतृत्व किया और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली।
बिहार में जहां सभी राशन कॉर्डधारियों को राशन और 1000 रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाई गई, वहीं बाहर फंसे लोगों के भी डाटा संग्रह करवाए गए और उन्हें भी बैंक खाते के जरिए 1000-1000 रुपये की मदद पहुंचाई गई।
प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में बाहर से अब तक 1 लाख 80 हजार से ज्यादा लोग आए हैं। उनकी स्क्रीनिंग कराई गई है। 'गरुड़ एप' के माध्यम से उन पर सघन निगरानी रखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण कई जिले प्रभावित होते हैं, ऐसे में राहत कार्य पहुंचाने की जिम्मेदारी भी आपदा प्रबंधन विभाग की रहती है।
वर्ष 1991 बैच के आईएएएस अधिकारी प्रत्यय को वर्ष 2011 में भारत सरकार ने सार्वजनिक प्रशासन में प्रधानमंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में चुना था।
इधर, बिहार में कोरोना से इस जंग में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी भूमिका तय की गई थी। बिहार के इस विभाग की स्थिति को देखते हुए नहीं कहा जा सकता था कि बिहार में कोरोना की चेन कुछ ही क्षेत्रों में सीमित रहेगा, लेकिन फिलहाल बिहार के 38 जिलों में से 28 जिले ऐसे हैं, जिसमें अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने नहीं आया है।
कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एक रणनीति के तहत इसमें सफलता पाई। स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों तक उन्होंने समन्वय स्थापित किया और चिकित्सकों से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों में जोश भरा। प्रधान सचिव ने तत्काल स्वास्थ्य उपकरणों की कमी दूर करने के प्रयास किए।
इधर, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के परियोजना निदेशक और आपदा प्रबंधन विभाग में प्रतिनियुक्त संजय सिंह आईएएनएस से कहते हैं, "सभी विभागों के साथ समन्वय कर कोरोना के साथ जंग शुरू की गई है और इसे जीतने में भी हमलोग सफल होंगे। सभी विभागों का अपना-अपना दायित्व है, जिसका पालन किया जा रहा है।"
एक अधिकारी कहते हैं कि आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा तकनीक के प्रयोग से काफी हद तक जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाई गई। वहीं बाहर से आए लोगों का अचानक बिहार की सीमा तक पहुंच जाने से उत्पन्न स्थिति को सफलतापूर्वक संभाला गया।
पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने भी लॉकडाउन का पालन कराने में हर रणनीति अपनाई है, जिससे लोग सामाजिक दूरी का पालन करते दिख रहे हैं।
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