पोर्न साइट्स पर प्रतिबंध की मांग को लेकर नीतीश ने लिखा मोदी को पत्र
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंटरनेट पर उपलब्ध पोर्न साइट्स एवं अनुचित सामग्रियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार |
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र की प्रति आज मीडिया में जारी की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न राज्यों में महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद जघन्य तरीके से हत्या की घटनाओं ने पूरे देश के जनमानस को उद्वेलित किया है। इस तरह की घटनाएं प्राय: सभी राज्यों में घटित हो रही हैं जो अत्यंत दु:ख एवं चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री ने अपने पा में लिखा है कि इंटरनेट पर लोगों की असीमित पहुंच के कारण बड़ी संख्या में बच्चे एवं युवा अश्लील, हिंसक एवं अनुचित सामग्री देख रहे हैं जो अवांछनीय है। इसके प्रभाव के कारण भी कुछ मामलों में ऐसी घटनाएं घटित होती हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि कई मामलों में दुष्कर्म की घटनाओं के वीडियो बना कर सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक आदि पर प्रसारित कर दिए जा रहे हैं।
श्री कुमार ने कहा कि विशेष रूप से बच्चों एवं कम उम्र के कुछ युवाओं के मस्तिष्क को इस तरह की सामग्री गंभीर रूप से प्रभावित करती है। कई मामलों में इस तरह की सामग्री का उपयोग ऐसे अपराधों के कारक के रूप में दृष्टिगत हुआ है। इसके अतिरिक्त ऐसी सामग्री के दीर्घकालीन उपयोग से कुछ लोगों की मानसिकता नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है जिससे अनेक सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं तथा महिलाओं के प्रति अपराधों में वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि यद्यपि इस संबंध में इनफाम्रेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 (यथा संशोधित 2008) में कतिपय प्रावधान किये गये हैं, लेकिन वे प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा भी इस संबंध में सरकार को कई दिशा-निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके विचार से अभिव्यक्ति एवं विचारों की स्वतांता के नाम पर इस तरह की अनुचित सामग्री की असीमित उपलब्धता उचित नहीं है तथा महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्ध हो रहे ऐसे अपराधों के निवारण के लिए प्रभावी कार्रवाई किया जाना नितांत आवश्यक है।
श्री कुमार ने कहा कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को भी कड़े निर्देश देने की आवश्यकता है। साथ ही विभिन्न हितधारकों जैसे अभिभावकों, शैक्षिक संस्थानों एवं गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से व्यापक जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसलिए उनका अनुरोध है कि इस गंभीर विषय पर तत्काल विचार करते हुये इंटरनेट पर उपलब्ध ऐसी पोर्न साइट्स तथा अनुचित सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए शीघ्र समुचित कार्रवाई करने की कृपा की जाये।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली यात्रा के क्रम में छह दिसम्बर को गोपालगंज में कहा था कि पॉर्न साइट्स की वजह से युवाओं पर गलत असर पड़ रहा है। इसपर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उनकी सरकार इस संबंध में जल्द ही केन्द्र सरकार को पत्र लिखेगी। उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी का लाभ और नुकसान दोनों है। कुछ लोग टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर रहे हैं। वे गंदा काम करते हैं। पता चला है कि लड़कियों के साथ हुए गलत काम का वीडियो पॉर्न साइट्स पर लोड कर देते हैं। इससे युवाओं की मानसिकता बिगड़ती है।
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