धौनी का एक गुण तेंदुलकर-गांगुली-द्रविड़ से &

Last Updated 08 Jan 2010 03:05:46 PM IST


नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धौनी, इन चार खिलाड़ियों में दो बातें जहां समान हैं वहीं एक गुण धौनी को बाकी तीन खिलाड़ियों से बिल्कुल अलग कर देता है। धौनी की तरह तेंदुलकर, गागुंली और द्रविड़ भारतीय टीम के कप्तान रहे हैं। धौनी की तरह तेंदुलर, गागुंली और द्रविड़ अपने-अपने क्रम पर भारतीय बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ रहे हैं लेकिन एक कप्तान के तौर पर धौनी इन तीनों से बिल्कुल जुदा हैं। तेंदुलकर, गागुंली और द्रविड़ को कप्तान रहते हुए बल्लेबाजी स्तर में गिरावट के कारण जहां कई बार आलोचना झेलनी पड़ी है वहीं धौनी अपनी कप्तानी में लगातार शतक लगाते जा रहे हैं। तेंदुलकर ने कप्तानी के दबाव और बल्लेबाजी में गिरावट के कारण यह जिम्मेदारी त्यागी थी जबकि द्रविड़ को भी इसी कारण कप्तानी छोड़नी पड़ी थी। गांगुली इन दोनों से कुछ हटकर हैं लेकिन कप्तानी के दौरान खराब बल्लेबाजी के कारण वह भी कई बार आलोचना का शिकार हुए। इसके कारण उन्हें टीम से बाहर भी होना पड़ा था। धौनी की कहानी इन सबसे जुदा है। गुरुवार को मीरपुर में धौनी ने बांग्लादेश के खिलाफ 101 रनों की नाबाद पारी खेलकर भारतीय टीम को जीत दिलाई। कप्तानी हासिल करने के बाद से वह अपना चौथा शतक लगा चुके हैं। यही नहीं, इस दौरान उनके बल्ले से 15 अर्धशतक भी निकले हैं। बल्लेबाजी की इस सफलता ने धौनी को एकदिवसीय क्रिकेट का सर्वोच्च वरीय बल्लेबाज बना दिया। अपनी कप्तानी के दौरान धौनी ने 109 (नाबाद), 124, 107 और 101 (नाबाद) रनों का पारियां खेलीं। इसके अलावा उनके बल्ले से 50, 64, 76, 67, 76, 71, 50, 61, 94, 84, 68, 95, 56, 71 और 72 रनों की अर्धशतकीय पारियां भी निकलीं। अक्टूबर, 2008 में अनिल कुंबले के संन्यास लेने के बाद टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किए गए धौनी ने क्रिकेट की इस विधा में भी अपने बल्ले का जौहर जमकर दिखाया। कप्तान बनने के बाद से वह नौ मैचों में दो शतक और सात अर्धशतक लगा चुके हैं। इस दौरान धौनी ने 100 (नाबाद) और 110 रन की शतकीय पारी तथा 56, 52, 53, 56, 55, 68 और 92 रनों के रूप में अर्धशतकी पारियां खेलीं हैं। धौनी ने टेस्ट मैचों में अब तक तीन शतक लगाए हैं, जिनमें से दो उन्होंने अपनी कप्तानी में जड़े हैं।



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