विदेशों में जमा धन स्वदेश लाए सरकार

Last Updated 29 Mar 2009 06:15:28 PM IST


नयी दिल्ली। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने विदेशी बैंको में भारतीय नागरिकों के जमा अरबों रूपयों को चुनावी मुद्दा बनाने का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आज मांग की कि इस धन की स्वदेश वापसी को वह आगामी समूह 20 की बैठक में मजबूती से उठाएं। यह मांग करने के साथ ही आडवाणी ने इस सरकार में ऐसा कर पाने की हिम्मत नहीं होने की भी बात कही और वादा किया कि लोकसभा चुनाव बाद उनके नेतृत्व में यदि राजग सरकार बनी तो इस धन को भारत में लाने की कानूनी और कार्यकारी कार्रवाई करेंगे। पीएम इन वेटिंग ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार विदेशी बैंको में इस समय भारतीय नागरिकों के 25 लाख करोड़ से 70 लाख करोड़ रूपए जमा है। उन्होंने इसे चुनाव का एक बड़ा मुद्दा बनाने का ऐलान करते हुए कहा कि इसके लिए पार्टी ने एक टास्क फोर्स भी गठित किया है जिसमें डा आर वैद्यनाथन एस गुरूमूर्ति महेश जेठमलानी और अजित डोवाल शामिल हैं। आडवाणी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से यह मांग जरूर की है लेकिन इस सरकार से मुझे कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि ऐसी हिम्मत दिखाने के लिए सरकार में बैठे लोग साफ सुथरे होने चाहिए। यह कहे जाने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पूर्व वित्त मंत्री को साफ सुथरा नहीं मानते उन्होंने कहा कि उनका तात्पर्य यह नहीं है। लेकिन जर्मनी ने जब यह घोषणा की थी कि अगर कोई देश चाहे तो वह उन्हें उन नागरिकों के नाम दे सकता है जिनके धन उसके बैंको में जमा हैं। उन्होंने कहा मगर उनके पत्र लिखने पर भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। आडवणी ने बताया कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर उनसे मांग करेंगे कि वह स्विस और अन्य देशों के अधिकारियों से कहें कि वे उनके बैंकों के गुप्त खातों में धन जमा कराने वाले भारतीयों के नाम उजागर करें क्योंकि इससे राज्यों के खजाने को बड़ी क्षति हो रही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राजग के प्रमुख घटक दल जद यू के अध्यक्ष शरद यादव ने विदेशी बैंकों के गुप्त खातों में जमा भारतीयों के धन के चुनावी मुद्दा बनाने का ऐलान किया था। आडवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री दो अप्रैल को समूह 20 की बैठक में भाग लेने लंदन जा रहे हैं और वहां उन्हें इस मामले को पूरे दम खम से उठाना चाहिए। उन्होंने उन्हें यह सलाह भी दी कि लंदन जाने से पहले वह अपने मंत्रिमंडल की बैठक बुला कर उसमें इस विषय पर गंभीरत से चर्चा करें। उन्होंने कहा कि विदेशी बैंकों के गुप्त खातों में भारत का 25 से 70 लाख करोड़ रूपया जमा है। अगर 25 लाख करोड़ रूपया भी मान लिया जाए तो इसकी स्वदेश वापसी से देश के सभी किसानों के ऋण माफ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं इस धन से देश भर में विश्व स्तरीय सड़कों का जाल बुन सकता है बिजली की कमी को पूरी तरह समाप्त करके हर ग्रामीण घर को बिजली दी जा सकती है सभी गांवों को शुद्ध पेय जल मुहैया कराया जा सकता है दस करोड़ परिवारों के लिए ढाई लाख रूपए की कीमत से अच्छी गुणवत्ता वाले मकान बनाए जा सकते हैं देश के लगभग छह लाख गांवों में से प्रत्येक को चार करोड़ रूपए दिए जा सकते हैं जिनसे वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इंटरनेट की शिक्षा वाले स्कूल खेल के मैदान आदि निर्मित किए जा सकते हैं।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment