परिवार की मदद को सब्जियां बेचती हैं 102 वर्षीय लक्ष्मी

Last Updated 05 Jun 2022 06:00:10 AM IST

पश्चिम बंगाल की 102 वर्षीय लक्ष्मी मैती के लिए उम्र महज एक संख्या है, जो अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले पांच दशकों से सब्जियां बेचने का काम कर रही हैं। इस उम्र में भी काम करने की अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और हौसले के जरिए लक्ष्मी मैती लोगों के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्बा मेदिनीपुर जिले के जोगीबेर्ह गांव की रहने वाली लक्ष्मी मैती प्रत्येक दिन सुबह चार बजे कोलाघाट से थोक में सब्जियां खरीदती हैं और उन्हें रिक्शा में लदवाकर एक स्थानीय बाजार में बिक्री के लिए जाती हैं। लक्ष्मी ने अपनी परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए कहा, लगभग 48 साल पहले मेरे पति की मृत्यु के बाद, हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई दिनों तक बिना भोजन के रहना पड़ा। इसके बाद घर चलाने के लिए मैंने सब्जी बेचने का काम शुरू किया। उस समय मेरा बेटा केवल 16 साल का था। उन दिनों जब मैं कभी बीमार हो जाती थी तो हमें अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। हालांकि, मैंने हमेशा से पूरी कोशिश की है कि मैं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकूं। हालांकि, पिछले एक दशक में गैर-सरकारी संगठन हेल्पएज इंडिया के समर्थन की बदौलत लक्ष्मी मैती की परिस्थिति में सुधार हुआ है, जिसने बुजुर्ग महिलाओं के लिए बुजुर्ग स्वयं सहायता समूह योजना शुरू की है। ‘हेल्पएज इंडिया’ की मदद से लक्ष्मी के घर की स्थिति में भी सुधार आया है और उसके घर में अब नई साज-सज्जा और एक टेलीविजन सेट भी है। लक्ष्मी ने कहा, हमारी स्थिति आठ साल पहले बेहतर हुई जब एनजीओ ने मेरे बेटे के लिए चाय-नाश्ता वेंडिंग व्यवसाय स्थापित करने के लिए हमें 40,000 रुपये का ऋण प्रदान किया। लक्ष्मी मैती के 64 वर्षीय बेटे गौर ने गर्व के साथ कहा कि उनकी मां देवी दुर्गा का अवतार हैं।


परिवार की मदद को सब्जियां बेचती हैं 102 वर्षीय लक्ष्मी

भाषा
कोलकाता


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