मतगणना की सभी तैयारियां पूरी, अब नतीजों पर टिकी नजरें
लोकसभा चुनाव के तहत देश भर में 542 संसदीय सीटों के लिए डाले गए मतों की गिनती गुरुवार को सुबह आठ बजे शुरू होगी। मतगणना के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं।
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निर्वाचन आयोग उन सभी केंद्रों पर तैयारियों की निगरानी कर रहा है जहां 542 लोकसभा सीटों और चार विधानसभा सीटों के लिए 23 मई की सुबह से मतगणना होने वाली है।
जिलाधिकारियों और सभी संबंधित अधिकारियों को मतगणना के लिए सुरक्षा व्यवस्था समेत सभी जरूरी इंतजामों की हर पल की जानकारी देने के निर्देश दिये गये हैं। आयोग के निर्देशानुसार, वीवीपैट पर्ची से वोटों के मिलान और सत्यापन के लिए पांच मतदान केंद्रों को औचक आधार पर चुना जायेगा। वीवीपैट सत्यापन प्रक्रिया में चार से पांच घंटों का समय लग सकता है।
आयोग के सूत्रों ने कहा, ‘‘इस बार लगभग सभी परिणाम वास्तविक समय पर हमारी वेबसाइट और वोटर हेल्पलाइन ऐप पर उपलब्ध होंगे। मतगणना के दिन केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को जिन स्ट्रांग रूम में रखा गया है, वहां भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनावों के लिए 55 लाख ईवीएम का उपयोग किया है।’’
सूत्रों ने बताया कि जिलों में मतगणना कर्मियों को सभी आवश्यक प्रशिक्षण दिये गये हैं और छद्म अभ्यास भी करवाया गया है। असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर उनके कामों की निगरानी करेंगे।
करीब 10 लाख मतदान केंद्रों और 91 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की 17वीं लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ है। इस बार कुल मतदाताओं की संख्या 2014 की तुलना में 7.5 करोड़ अधिक थी।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इस बार सातवें चरण तक करीब 67.11 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था और यह 2014 के लोकसभा चुनाव से एक फीसदी अधिक था।
उन्होंने बताया कि 2019 के चुनाव में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या में 1.6 करोड़ का अंतर भी देखा गया। वोटों की गिनती की प्रक्रिया सशस्त्र बलों के जवानों के 18 लाख वोटों के साथ शुरू होगी।
इस बार आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की शिकायतों के चुनाव आयोग के निपटारे के तरीकों पर भी सवाल उठे और यह मामला सुर्खियों में बना रहा। सूत्रों ने बताया कि आयोग के समक्ष इस तरह की 510 शिकायतें आई थीं जिनका निपटारा तीन स्तरों- निर्वाचन अधिकारी, राज्य चुनाव आयोग और चुनाव आयोग- पर किया गया। इनमें से कुछ मामलों में निंदा की गयी और कुछ मामलों में रोक लगाई गयी।
सूत्रों ने बताया कि आदर्श आचार संहिता एक कानून नहीं है बल्कि एक आचार संहिता है जिसका निर्माण सभी राजनीतिक दलों की आम सहमति और समझौते से हुआ है।
पहली बार 2019 के आम चुनावों में चुनाव आयोग की ‘सी-विजिल’ पहल के तहत करीब 1.49 लाख शिकायतें नागरिकों ने की थी।
सूत्रों ने बताया कि इनमें से करीब 78 फीसदी शिकायतें सहीं थी और सभी मामलों में शिकायत मिलने के 100 मिनटों के अंदर कार्रवाई की गयी। इनमें से कई शिकायतें मतदाताओं के मत डालने की गोपनीयता के उल्लंघन के संबंध में आई थी।
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