खत्म हो गयी है चुनाव आयोग की विश्वसनीयता: कांग्रेस

Last Updated 16 May 2019 11:38:37 AM IST

कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर काम करने का आरोप लगते हुए कहा है कि आयोग ने पश्चिम बंगाल में मोदी की दो रैलियों के बाद जिस तरह से चुनाव प्रचार पर निर्धारित समय से 24 घंटे पहले रोक लगाकर साबित कर दिया है कि यह स्वायत्त संस्थान अब अपनी विश्वसनीयता खो चुका है और आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है।


कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (फाइल फोटो)

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरूवार को यह पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मलेन में कहा कि आयोग के काम करने के तरीके से साफ़ हो गया है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा नहीं कर पा रहा है और सिर्फ मोदी और शाह के इशारे पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष के इशारे पर हिंसा हुयी है और इसकी शिकायत आयोग से की गई है लेकिन आयोग ने शाह के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय निर्धारित तिथि से 24 घंटे पहले चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी। आयोग ने जानबूझकर प्रचार खत्म होने का समय  गुरूवार रात 10 बजे तय किया क्योंकि तब तक राज्य में मोदी की दो रैलियां पूरी हो जायेगी।

प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने आयोग में मोदी और शाह के खिलाफ 11 शिकायतें दर्ज कराई थीं लेकिन आयोग ने एक भी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, इससे जाहिर है आयोग मोदी और शाह के इशारे पर काम कर रहा है और वह अपनी निष्पक्षता खो चुका है।

सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग ने प्रचार समाप्त करने के लिए जो समय निर्धारित किया है, उससे ठीक पहले मोदी की दो रैलियां पश्चिम बंगाल में होनी हैं और यह मोदी के लिए चुनाव आयोग की तरफ से एक तोहफा है।

उन्होंने कहा कि आयोग को अपनी निर्भीकता, स्वायत्तता और विश्वसनीयता पर उठे सवालों का जवाब देना चाहिए और देश की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने चुनाव प्रचार पर 24 घंटे पहले रोक क्यों लगाई। उन्होंने सवाल उठाया कि आयोग मोदी के लिए काम कर रहा है या प्रजातंत्र की रक्षा कर रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग को यह भी बताना चाहिए कि उसने मोदी और शाह के खिलाफ दायर 11 शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं की। नमो टीवी के माध्यम से प्रचार प्रसार किया गया, लेकिन आयोग ने इस शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने कहा कि आयोग की निष्पक्षता पर जो प्रश्नचिन्ह खड़े हुए हैं, उन्हें देखते हुए लोकतंत्र के हित में इसकी नियुक्ति प्रक्रिया पर फिर से विचार करने की जरूरत है और कांग्रेस सत्ता में आने के बाद इस पर गंभीरता से विचार करेगी।

वार्ता
नयी दिल्ली


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