Amethi Lok Sabha Seat: कौन हैं केएल शर्मा जो स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी से लड़ेंगे चुनाव और गांधी परिवार सो क्या है नाता? यहां पढ़ें
कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर तस्वीर साफ कर दी है। राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे तो वहीं अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
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वह गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी कारण उन्हें सोनिया गांधी का प्रतिनिधि भी बनाया गया था। इस परिवार से उनका बहुत पुराना नाता रहा है।
किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए। 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे।
उन्हें संगठन ही नहीं परिवार का भी वफादार माना जाता है। रायबरेली से सोनिया गांधी के सांसद चुने जाने के बाद वह उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते रहे। सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर किशोरी को रायबरेली से दावेदार माना जा रहा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें रायबरेली के बजाय अमेठी से उम्मीदवार बनाया है।
साल 2004 में सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद बनीं तो शर्मा ने सांसद प्रतिनिधि की जिम्मेदारी संभाली। सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में भी उनके कार्यालय आने वाले हर एक जरूरतमंद की हरसंभव मदद की। इसके बाद के चुनावों में उनके कुशल प्रबंधन का ही नतीजा रहा कि सोनिया को शानदार जीत मिली।
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए युवा कांग्रेस के लोगों को लगाया था। तब अमेठी में किशोरी लाल को कोआर्डिनेटर बनाया गया था। उनका रायबरेली और अमेठी से 40 से ज्यादा का पुराना रिश्ता है। उन्हें घर घर में लोग जानते हैं।
जातीय समीकरण में भी किशोरी लाल फिट बैठते हैं। अमेठी में दलित (26 फीसदी), मुस्लिम (20 फीसदी) और ब्राह्मण (18 फीसदी) का दबदबा है। कांग्रेस को लगता है कि जातीय समीकरणों के हिसाब से के एल शर्मा को फायदा हो सकता है। गांधी परिवार ने भरोसा दिया है कि वो प्रचार के काम में किशोरी लाल शर्मा के साथ भरपूर साथ देंगे।
करीब 55 हजार वोटों से राहुल गांधी 2019 में स्मृति ईरानी से हारे थे। इन पांच सालों में केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद स्मृति ईरानी ने यहां पर काम करवाए और स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने का काम भी किया। अब तो उन्होंने अपना घर भी वहां बनवा लिया है। वो लगातार यहां से संपर्क बनाकर रखी हुई हैं। आती-जाती रहीं, जबकि राहुल गांधी इक्का-दुक्का ही हारने के बाद अमेठी आए।
अमेठी भी अब हॉट सीट बन गई है। गांधी परिवार भले ही सीधा चुनाव न लड़ रहा हो, पर मुकाबला गांधी परिवार के ही नुमाइंदे से है, जो गांधी परिवार की पसंद से पहली बार चुनावी मैदान में उतरा है।
गौरतलब है कि अमेठी से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा है। किशोरी लाल का उनसे मुकबाला होगा।
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