सलाखों के पीछे से यूपी में चुनावी जंग

Last Updated 15 Jan 2012 02:11:17 PM IST

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कई बाहुबली जेल की सलाखों के पीछे से चुनावी जंग में अपनी ताकत दिखाने की फिराक में हैं.


‘नेशनल इलेक्शन वाच’ की ओर जारी किये गये आकंड़ों पर अगर नजर डालें तो अपराधियों को टिकट देने में सभी राजनीतिक दल शामिल हैं जिन्होंने प्रदेश में अब तक घोषित 617 प्रत्याशियों में से कम से कम 77 ऐसे प्रत्याशी उतारे हैं जिनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और डकैती जैसे संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 69 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो जेल की सलाखों के पीछे से प्रदेश में सियासी बिसात पर गोटियां बिठाने की कोशिश कर रहे हैं और इस होड़ में प्रदेश का पूर्वाचल का इलाका सबसे आगे है.

अपराधियों की इन गतिविधियों पर जहां चुनाव आयोग ने इन सीटों पर अपनी नजरें और पैनी कर दी हैं, वहीं ये बाहुबली भी आयोग और पुलिस प्रशासन को धता बताने की कोशिश कर रहे हैं.

प्रदेश में पूर्वांचल के मतदाताओं के सामने इस बार गम्भीर संकट है. यहां पर कुछ विधानसभा सीटें तो ऐसी हैं जहां लोगों को बाहुबली उम्मीदवारों में से ही किसी एक को चुनना होगा क्योंकि उन पर कई बाहुबली आमने-सामने हैं.

जेल में बंद मुन्ना बजरंगी, बृजेश सिंह, अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अनेक लोग इस बार भी चुनाव मैदान में हैं.

बृजेश सिंह प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से उम्मीदवार है और इस समय जेल में है लेकिन उसके चुनाव प्रचार का जिम्मा उसके सहयोगियों ने संभाल रखा है. बृजेश सिंह पकड़ी नरसंहार, मुम्बई के जेडे हत्याकांड समेत अनेक मामलों में आरोपी है.

अपराध की दुनिया का एक और कुख्यात नाम प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी अपना दल के टिकट पर जौनपुर की मड़ियाहू विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश के चुनावी जंग में उतरा हुआ है. बजरंगी भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित दस से ज्यादा लोगों की हत्या का आरोपी है और इस समय फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

बजरंगी के समर्थक विधानसभा क्षेत्र में जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं तो वही अपना दल से एक और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार अतीक अहमद विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जो दर्जन भर मामलों में आरोपी हैं.
     
हत्या समेत कई संगीन अपराधों में आरोपी निर्दलीय विधायक मुख्तार अंसारी इस बार मऊ विधानसभा क्षेत्र से कौमी एकता दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में है. अंसारी पर कई अपराधिक मामले दर्ज है और इस समय वह भी जेल में बंद है.

राज्य की बसपा सरकार में मंत्री नंदगोपाल नंदी पर जानलेवा हमला करने के आरोपी भदोही के विधायक विजय मिश्र को समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है.

कांग्रेस ने गाजीपुर के जमानिया क्षेत्र से कलावती बिंद को उम्मीदवार बनाया है जो करीब एक साल पहले जमानिया में एक पुलिस चौकी में आगजनी तथा चौकी प्रभारी की मौत के मामले में जेल में बंद है.

इसके अलावा कांग्रेस ने गाजीपुर के ही जंगीपुर से शैलेष कुमार सिंह को टिकट दिया है. एक थाने में आगजनी और पथराव के आरोपी सिंह गैंगस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में निरुद्ध है.



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