सत्ता में लौटे तो मुस्लिमों को देंगे समुचित आरक्षण

Last Updated 08 Jan 2012 05:34:03 PM IST

मुलायम सिंह यादव ने सत्ता में आने पर केरल तथा आंध्र प्रदेश की तर्ज पर राज्य के मुसलमानों को समुचित आरक्षण देने का एलान किया.




सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां ने बाराबंकी की विभिन्न विधानसभा सीटों के पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में आयोजित जनसभा में पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की ओर से कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर सपा विधि विषेशज्ञों की राय लेकर केरल तथा आंध्र प्रदेश की तर्ज पर मुसलमानों को इतना आरक्षण देगी, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी.

उन्होंने कहा कि कांग्रेसनीत केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक आरक्षण के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखा किया है.

यादव ने अपने संबोधन में किसानों को सिंचाई के लिए नि:शुल्क पानी, आम जनता के लिए मुफ्त शिक्षा और दवा देने का वादा दोहराने के साथ ही बेरोजगार नौजवानों को नौकरी अथवा पहले से ज्यादा बेरोजगारी भत्ता देने, बिजली की व्यवस्था सुधारने तथा महिलाओं को विशेष अवसर देने का वादा भी किया.

उन्होंने कहा कि राज्य के गृह विभाग के प्रमुख सचिव कुंवर फतेह बहादुर और पुलिस महानिदेशक बृजलाल को चुनाव आयोग द्वारा हटाये जाने के बाद उन्हें विश्वास हो गया है कि प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से हो सकेंगे.

यादव ने कहा कि प्रदेश में क्रूर सरकार काम कर रही है और उससे प्रदेश के किसान,नौजवान,छात्र,व्यापारी सभी लोग त्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘आज प्रदेश की जो हालत है वह जगजाहिर है. मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र नाम की चीज नहीं रखी,लेकिन इस चुनाव में उन्हें लोकतंत्र की ताकत का एहसास हो जायेगा.’

सपा महासचिव आजम खां ने इस मौके पर कहा कि अब प्रदेश के लोग बदलाव चाहते हैं और मायावती सरकार से निजात मिलने का दिन करीब ही है.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘प्रदेश की मायावती सरकार ने हैवानियत की सभी हदें पार कर दी हैं. उसने पांच बरस तक जनता के सीने पर हाथी का पांव रखा है. तुम्हारी गाढ़ी कमाई पत्थरों को हाथियों पर खर्च कर दिया.’

खां ने दावा किया, ‘इतिहास गवाह है कि तानाशाहों के सिवा किसी जिंदा इंसान की मूर्ति कहीं नहीं लगी है. प्रदेश की तानाशाह ‘मायावती’ याद रखें कि तब इंकलाब आता है तो महल उड़ जाते हैं.’

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के गोरखपुर में दिये गये बयान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए खां ने कहा, ‘राहुल जी आपने कहा कि भाजपा ने राम के नाम पर लोगों को ठगा. राम का नाम हमारे लिये बहुत सम्मानित है. हम उनके साथ यह शब्द नहीं लगा सकते.’

उन्होंने कहा, ‘22 जनवरी 1949 को जब बाबरी मस्जिद में मूर्तियां रखी गयीं तो राहुल के पुरखे पंडित नेहरु प्रधानमंत्री थे. जब समान आचार संहिता का विधेयक संसद में पेश हुआ तो आपकी सरकार थी.

राजीव गांधी ने गंदी सियासत के लिये मस्जिद का दरवाजा खुलवाया था. राहुल बताएं कि राम के नाम का इस्तेमाल किसने किया.’

खां ने कहा कि केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक आरक्षण के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखा किया है. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के लोगों ने मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की बात उछाली. राहुल बाबा ने भी यह बात की. हमने सोचा कि चलो ऊंट के मुंह में जीरा ही चबा लेंगे लेकिन जब संसद में कानून लाया गया तो पता लगा कि राहुल गांधी ने हमारी पीठ में एक और खंजर उतारा है.’

खां ने कहा कि जब संसद में कानून पेश हुआ तो उसमें मुसलमान शब्द ही नहीं था. जब कानून की बात आई तो छह धर्मो को जोड़ दिया गया.

हमारे हिस्से में 0.80 प्रतिशत भागीदारी आई. यह फरेब है जिसकी सजा देनी ही होगी. उन्होंने गांधीवादी अन्ना हजारे और उनकी टीम पर भी हमला बोला और कहा कि जब सदन के बजाय मैदान में देश की तकदीर लिखी जाने लगेगी तो लोकतंत्र खत्म हो जायेगा.

रामलीला मैदान में जुटने वाले लोग देश के बंटवारे के ख्वाब देख रहे हैं और उनसे होशियार रहने की जरुरत है.

 



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