आम बजट : कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत वृद्धि दर की उम्मीद

Last Updated 01 Feb 2017 05:02:36 PM IST

केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार को मानसून की स्थिति बेहतर रहने से चालू वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र में 4.1 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है.


(फाइल फोटो)

2017-18 में कृषि ऋण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर निर्धारित किया गया है. संसद में बुधवार को वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि किसानों को समय पर पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि अल्पसेवित क्षेत्रों, पूर्वी राज्यों तथा जम्मू एवं कश्मीर के किसानों के लिए पर्याप्त ऋण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किए जाएंगे. किसानों को सहकारी ऋण ढांचे से लिए गए ऋण के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 60 दिनों के ब्याज भुगतान से छूट का भी लाभ मिलेगा.

अपना चौथा बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि लगभग 40 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान सहकारी ढांचे से ऋण प्राप्त करते हैं. सरकार जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली के साथ सभी 63,000 क्रियाशील प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों के कम्प्यूटरीकरण और समेकन के लिए नाबार्ड की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह कार्य 1900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से राज्य सरकारों की वित्तीय भागीदारी के द्वारा तीन वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा. इससे छोटे और सीमांत किसानों को ऋण का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हो जाएगा.

वित्तमंत्री ने कहा कि नाबार्ड में एक दीर्घकालीन सिंचाई कोष स्थापित किया जा चुका है और प्रधानमंत्री ने इसकी स्थायी निधि में 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि शामिल करने की घोषणा की है. इस प्रकार इस कोष में कुल निधि बढ़कर 40,000 करोड़ रुपये हो जाएगी.

उन्होंने कहा, "फसल बीमा योजना का विस्तार जो 2016-17 में फसल क्षेत्र का 30 प्रतिशत है, उसे 2017-18 में बढ़ाकर 40 प्रतिशत और 2018-19 में बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा. बजट अनुमान 2016-17 में इस योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया था, जिसे बकाया दावों का निपटान करने के लिए 2016-17 के संशोधित बजट अनुमान में बढ़ाकर 13,240 करोड़ रुपये कर दिया गया था. वर्ष 2017-18 के लिए इस मद के लिए 9000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना के अंतर्गत बीमाकृत राशि जो 2015 के खरीफ सीजन में 69,000 करोड़ रुपये थी, 2016 के खरीफ सीजन में दोगुने से भी बढ़कर 1,41,625 करोड़ रुपये हो गई है."



जेटली ने अपने पिछले बजट भाषण का उल्लेख किया, जिसमें पांच वर्षो में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए किसानों की आय सुरक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया गया था. वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को अपना उत्पादन बढ़ाने और फसल कटाई के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें समर्थ बनाने के अनेक कदम उठाएगी. राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) दायरे का मौजूदा 250 बाजारों से 585 एपीएमसी तक विस्तार किया जाएगा. इसके अलावा स्वच्छता, ग्रेडिंग और पैकेजिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए प्रत्येक ई-नाम बाजार को अधिकतम 75 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी.

उन्होंने कहा कि डेयरी किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, लिहाजा तीन वर्षो में 8000 करोड़ रुपये की संचित निधि से नाबार्ड में एक दुग्ध प्रसंस्करण एवं संरचना निधि स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने की गति में तेजी आ रही है, क्योंकि सरकार ने देश के सभी 648 कृषि विज्ञान केन्द्रों का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों में नई लघु प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है.

आईएएनएस


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