निर्वाचन आयोग कार्यालय तक विपक्ष के विरोध मार्च से पहले दिल्ली पुलिस ने कहा, किसी ने नहीं ली इजाजत
‘‘चुनाव में धोखाधड़ी’’ के मुद्दे पर विपक्षी दलों के निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च से पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी है।
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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य दलों के सदन के नेताओं के नेतृत्व में विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के सांसद पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे संसद भवन से निर्वाचन आयोग (ईसी) तक मार्च शुरू करेंगे।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी विरोध मार्च के लिए अनुमति नहीं मांगी। विरोध मार्च से पहले दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
अधिकारी ने कहा कि रास्ते में कई जगहों पर अवरोधक लगाए गए हैं और व्यवस्था बनाए रखने एवं किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग कार्यालय और आसपास की सड़कों पर अतिरिक्त सुरक्षा वाहन और त्वरित प्रतिक्रिया दल भी तैनात किए गए हैं।
गांधी ने पिछले हफ्ते प्रेस वार्ता में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग के बीच ‘‘मिलीभगत’’ के जरिए चुनाव में ‘‘बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी’’ का आरोप लगाया था। उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र के विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा था कि यह ‘‘संविधान के खिलाफ अपराध’’ है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जिसमें 11,965 ‘डुप्लीकेट’ (एक मतदाता के नाम मतदाता सूची में अनेक जगह होना) मतदाता, 40,009 फर्जी एवं अमान्य पते वाले मतदाता, 10,452 ‘बल्क’ या बड़ी संख्या में एक ही पते पर पंजीकृत मतदाता, 4,132 फर्जी फोटो वाले मतदाता और 33,692 नए मतदाता के प्रपत्र छह का दुरुपयोग करके जोड़े गए मतदाता शामिल हैं।
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