लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान में घुस कर आतंकी अड्डे तबाह करने वाली भारतीय सेना की तारीफ की। औवैसी ने सीजफायर के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सवाल उठाए।

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को लोकसभा में सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के लिए उसे जवाबदेही तय करनी होगी।
इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते, आतंकवाद एवं बातचीत भी साथ-साथ संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार भी पूरी तरह से बंद है और इस स्थिति में दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच के लिए कैसे अनुमति दी जा सकती है? उन्होंने कहा कि उनका जमीर नहीं गंवारा करता कि वह उस क्रिकेट मैच को देखें।
ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में विशेष चर्चा में भाग लेते हुए ओवैसी ने कहा , ‘‘जम्मू कश्मीर में साढ़े सात लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और ऐसे में चार चूहे (आतंकवादी) कैसे आ गए और हमारे लोगों की जान ले ली।’’
उन्होंने कहा कि अगर उपराज्यपाल की जवाबदेही बनती है तो उन्हें हटाया जाना चाहिए, अगर खुफिया ब्यूरो (आईबी) या पुलिस की जवाबदेही बनती है तो कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह सोच रही है कि ऑपरेशन सिंदूर से लोग यह विषय भूल जाएंगे तो यह संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने संविधान का अनुच्छेद 370 हटा दिया और जम्मू कश्मीर को राज्य से केंद्रशासित प्रदेश बना दिया लेकिन इसके बाद भी वहां आतंकवादी घटनाएं हो रही हैं, इससे पता लगता है कि सरकार की नीति नाकाम हो रही है।
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान को सभी जानते हैं, वह और इजराइल नाकाम देश हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार भारत एक संप्रभु देश है जिसका अर्थ है कि भारत अपने फैसले खुद करेगा लेकिन संघर्ष विराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति (डोनाल्ड ट्रंप) ने की। उन्होंने कहा कि ट्रंप द्वारा घोषणा किए जाने का भारतीय सशस्त्र बलों पर क्या असर होगा, सरकार को सोचना चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि भारत अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान का खंडन भी नहीं कर रहा है।
चर्चा में भाग लेते हुए भाकपा-माले (लिबरेशन) सदस्य राजाराम सिंह ने कहा कि घटनास्थल पर 2,000 पर्यटक बेसहारा थे और एक घंटे तक आतंकवादी हमला चलता रहा। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब थी जब जम्मू कश्मीर में करीब सात लाख सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
सिंह ने गृह मंत्री (अमित शाह) और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा कि पहलगाम हमले की जवाबदेही गृह मंत्रालय की हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी ली है और उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच संघर्षविराम करवाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने पूरी तरह से साम्राज्यवादी ताकतों के सामने समर्पण कर दिया है।
कांग्रेस सदस्य सप्तगिरि शंकर उलाका ने नरेन्द्र मोदी नीत सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश की वर्षों से स्थापित विदेश नीति को इस सरकार ने पिछले 11 साल में तहस-नहस कर दिया।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत बेहतर स्थिति में था तो अचानक संघर्षविराम क्यों हुआ और ट्रंप ने ट्वीट के जरिए घोषणा कर दी कि उन्होंने संघर्षविराम रुकवा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति से संदेह पैदा होता है और ऐसा लगता है कि दाल में कुछ न कुछ काला है।
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