Parliament Monsoon Session: ‘इंडिया’ गठबंधन ने SIR के खिलाफ संसद में किया प्रदर्शन, उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता की

Last Updated 22 Jul 2025 11:40:11 AM IST

संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। संसद में विपक्षी सांसद बिहार में वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन जारी है।


संसद के ‘मकर द्वार’ के निकट आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा और मीसा भारती तथा कई अन्य सांसद शामिल हुए।

विपक्षी सांसदों ने ‘नहीं चलेगा-नहीं चलेगा, एसआईआर नहीं चलेगा’ और ‘वोटबंदी बंद करो’ के नारे लगाए। कई सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर एसआईआर के विरोध में नारे लिखे हुए थे।

कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएंगे। ऐसा नहीं हो सकता कि रातों-रात लाखों लोगों को मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाए।’’ उन्होंने कहा कि सरकार और निर्वाचन आयोग को इस मामले में अपने कदम पीछे खींचने होंगे।

विरोध प्रदर्शन से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के सदनों के नेताओं ने बैठक कर मानसून सत्र में आगे की रणनीति पर चर्चा की और एसआईआर के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने का फैसला किया।

रास में हंगामे की भेंट चढ़ा शून्यकाल, प्रश्नकाल, बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित
वहीं, विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।

सोमवार रात पद से इस्तीफा दे चुके उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्यसभा नहीं आए हैं। उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता की। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं।

सदन की बैठक 11 बजे शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्हें, नियत कामकाज स्थगित कर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद समेत अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत प्राप्त 12 कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं।

इनमें से एक सदस्य ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पद से इस्तीफे के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की थी।

हरिवंश ने कहा कि नोटिस यथोचित न पाए जाने की वजह से अस्वीकार कर दिए गए हैं। उपसभापति द्वारा कार्य स्थगन नोटिस अस्वीकार किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया। कुछ विपक्षी सदस्य उनके आसन के समीप आए और नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा होने लगा।

शोरगुल के बीच ही उपसभापति ने शून्यकाल के तहत सदस्यों से मुद्दे उठाने को कहा। उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और शांत रह कर सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। हंगामा थमते न देख उन्होंने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के एक दिन बाद उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता की। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं।

एक दिन पहले उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के पदेन सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। आमतौर पर कार्यदिवस की शुरुआत में धनखड़ ही राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करते थे।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे बैठक शुरू हुई तो सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि उन्हें एक आवश्यक सूचना सदन को देनी है।

तिवाड़ी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे की 22 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना जारी की है।

इसके बाद तिवाड़ी ने प्रश्नकाल शुरू कराना चाहा लेकिन सदन में व्यवस्था न बनते देख उन्होंने कार्यवाही शुरु होने के महज दो मिनट बाद ही बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।


 

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भाषा
नई दिल्ली


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