Online Terror Tunding: ई-कॉमर्स मंच और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं के दुरुपयोग से हो रही है टेरर फंडिंग
Online Terror Tunding: वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ ने फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले और गोरखनाथ मंदिर में हुई 2022 की घटना का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि ई-कॉमर्स मंच और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का दुरुपयोग आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए किया जा रहा है।
![]() अब टेरर फंडिंग भी ऑनलाइन |
एफएटीएफ ने ‘आतंकी वित्तपोषण जोखिमों पर अपने व्यापक अद्यतन’ में ‘आतंकवाद को सरकार द्वारा प्रायोजित’ किए जाने को भी चिह्नित करते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना के विभिन्न स्रेतों और इस रिपोर्ट में प्रतिनिधिमंडलों के विचार से संकेत मिलता है कि कुछ आतंकी संगठनों को कई राष्ट्रों की सरकारों से वित्तीय और अन्य प्रकार का समर्थन प्राप्त होता रहा है और अब भी मिल रहा है।
एफएटीएफ ने कहा, प्रतिनिधिमंडलों ने टीएफ (आतंकी वित्तपोषण) के लिए सरकारी प्रायोजन के उपयोग का उल्लेख आतंकी कृत्यों में शामिल कुछ संगठनों की धन जुटाने की तकनीक या वित्तीय प्रबंधन रणनीति के तहत किया है। समर्थन के कई रूपों का जिक्र किया गया है जिसमें प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता, साजो सामान और सामग्री संबंधी सहायता या प्रशिक्षण का प्रावधान शामिल है।
एफएटीएफ ने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए जून में कहा था कि वित्तीय सहायता के बिना ऐसे हमले संभव नहीं थे। उसने कहा था कि वह 200 अधिकार क्षेत्रों वाले अपने वैिक नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए मामलों को संकलित करते हुए ‘आतंकी वित्तपोषण का व्यापक विश्लेषण’ करेगा। अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
एफएटीएफ ने भारत में आतंकी हमले के लिए सामग्री की खरीद के मकसद से ई-कॉमर्स मंचों के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए कहा कि हमले में इस्तेमाल किए गए आईईडी यानी देसी बम का एक प्रमुख घटक-एल्युमिनियम पाउडर-ई-कॉमर्स मंच ‘अमेजन’ के जरिए खरीदा गया था। इस सामग्री का इस्तेमाल विस्फोट के प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया गया था। भारतीय प्राधिकारी बार-बार कहते रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को लगातार समर्थन देता है और आतंकियों का वित्त पोषण करता है।
भारत ने लगातार कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकियों को पनाहगाह मुहैया कराई हैं तथा सूत्रों के अनुसार, भारत का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा की गई ऐसी हरकतों के कारण उसे एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाना चाहिए। एफएटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी ई-कॉमर्स मंचों और ‘ऑनलाइन मार्केटप्लेस’ का दुरुपयोग कर रहे हैं। एफएटीएफ ने कहा, ईपीओएम का उपयोग व्यापार आधारित धनशोधन योजनाओं से प्रेरित होकर धन-स्थानांतरण के उद्देश्य से किया जा सकता है।
खरीदे-बेचे गए सामान वास्तव में एक सहयोगी से नेटवर्क के दूसरे सदस्य को हस्तांतरित किए जा रहे धन को छिपाने का काम कर सकते हैं। ऐसी योजना में, एक व्यक्ति वस्तुओं को खरीदता है, उन्हें ईपीओएम के माध्यम से अपने सहयोगी को भेजता है ताकि वह व्यक्ति उसे बाद में किसी अन्य व्यक्ति को बेचकर इससे हुए लाभ का उपयोग आतंकवाद को वित्तपोषित करने के लिए कर सके। इसके लिए एफएटीएफ ने तीन अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर में हुई घुसपैठ की कोशिश की घटना का उदाहरण दिया।
गोरखनाथ मंदिर में ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट’ (आईएसआईएल) की विचारधारा से प्रभावित एक व्यक्ति ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था।
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