सरकार ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना की एक ब्रिगेड पर आत्मघाती हमले के दावों और पंजाब के जालंधर में ड्रोन हमले का दावा करने संबंधी सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो को ‘फर्जी खबर’ करार देते हुए खारिज कर दिया।

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पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ‘फैक्ट चेक’ इकाई ने पाया कि जम्मू-कश्मीर में सेना की किसी भी छावनी पर कोई ‘‘फिदायीन’’ या आत्मघाती हमला नहीं हुआ तथा जालंधर में ड्रोन हमले का दावा करने वाला वीडियो एक खेत में लगी आग की घटना से संबंधित है।
पीआईबी ने बताया कि जालंधर के जिलाधिकारी ने इसकी पुष्टि की है कि यह गलत सूचना है।
पीआईबी ने कहा, ‘‘आठ मई 2025 को रात 10 बजे से नौ मई को सुबह साढ़े छह बजे के बीच कुल सात वीडियो से जुड़े तथ्यों की जांच की गई। इन वीडियो की सूची उनके लिंक के साथ संकलित की गई है।’’
यह भी पाया गया कि भारत पर पाकिस्तान के मिसाइल हमले का वीडियो बताकर सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो साझा किया गया जो वास्तव में 2020 में लेबनान के बेरूत में हुए एक हमले का है।
इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सेना की चौकी को नष्ट करने का दावा करने वाला वीडियो फर्जी पाया गया। ‘फैक्ट चेक’ इकाई ने पुष्टि की कि भारतीय सेना में ‘‘20 राज बटालियन’’ जैसी कोई इकाई नहीं है जैसा कि वीडियो में दावा किया गया है।
पीआईबी ने बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान में कुछ ‘सोशल मीडिया अकाउंट’ और विशेष रूप से मुख्यधारा के मीडिया ने समन्वित गलत सूचनाओं की बौछार की है जिसका एकमात्र उद्देश्य भारतीय जनता में डर पैदा करना है।’’
‘पीआईबी फैक्ट चेक’ इकाई ने यह भी कहा कि सात जुलाई 2021 को एक तेल टैंकर में हुए विस्फोट का वीडियो गुजरात के हजीरा बंदरगाह पर हमले का वीडियो बताकर प्रसारित किया गया।
‘‘सेना प्रमुख जनरल वी के नारायण’’ के नाम से एक फर्जी पत्र भी सामने आया, जबकि सेना प्रमुख का नाम यह नहीं हैं। पीआईबी ने इस पत्र के फर्जी होने की पुष्टि की है।
एक अन्य वायरल वीडियो में दावा किया गया कि भारतीय सेना ने हमले करने के लिए अंबाला में अपने एयरबेस का इस्तेमाल किया, जिसे पीआईबी ने झूठा बताते हुए खारिज कर दिया और तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए रक्षा मंत्रालय की एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया।
पीआईबी ने गलत सूचनाओं से निपटने और राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए नागरिकों से केवल सत्यापित स्रोतों पर भरोसा करने और किसी भी असत्यापित सामग्री को साझा करने से बचने का आग्रह किया।
कुछ भारतीय ठिकानों पर हमलों का दावा करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में ऐसे समय में साझा किए गए हैं, जब भारत ने बृहस्पतिवार रात को जम्मू, पठानकोट, उधमपुर एवं कुछ अन्य स्थानों पर सैन्य प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तान द्वारा मिसाइल एवं ड्रोन से हमला किए जाने के प्रयासों को विफल कर दिया। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष व्यापक होने की आशंका प्रबल हो गयी है
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